दीपक ठाकुर:NOI।
आधुनिकता का मुह चिढाता ये जवाब मिला है नींबू बाग पावर हाऊस से।अब बताइये जब आपके पास सामन नही है तो काहे ऐसा काम करते हैं जिससे उपभोक्ता को परेशानी का सामना करना पड़े आपने तो तमाम ताम झाम बता कर बिजली की लाईन अंडर ग्राउंड कर दी अब जरा सी फाल्ट सही होने में घण्टो लगा रहे हैं।आपको बता दे के आज सुबह लगभग 11 बजे से पुराने लखनऊ के कई मोहल्ले बिजली की आवाजाही से त्रस्त हैं कही कही तो अभी भी बिजली नही आ रही है वैसे तो ये देखा जाता है कि ज़रा सी बारिश ही बिजली गुल करने के लिए काफी होती है फिर यहां तो कल रात भर की बारिश और सुबह से पड़ रही फुहारों में बिजली कैसे टिकी रहती।
ठीक ऐसा हुआ कि बारिश के बीच ही तक़रीबन 11 बजे से ठाकुरगंज स्थित नानक नगर सहित कई क्षेत्रों की बिजली गुल हो गई लोग इंतज़ार में बैठे रहे के शायद एक घण्टे में आ जायेगी लेकिन 2 से 3 घण्टे बीत जाने पर भी जब लाइट नही आई तो लोगों ने बिजली सब स्टेशन निम्बू पार्क पर फोन घुमाना शुरू कर दिया बड़ी मशक्कत के बाद फोन लगा और उठा तो उधर से आवाज़ आती है कि कोई मेजर समस्या आ गई है अभी दो घंटे लगेंगे बिजली आने में।
ठीक उनकी बात सुन के हमे भी लगा कि दो घंटे बाद आ जायेगी तो बज गए 4 लाइट अभी तक नही आई दोबारा सब स्टेशन फोन मिलाने का प्रयास शुरू हुआ तो बड़ी देर बाद फोन लगा और फिर उठा इस बार उधर से आवाज़ आई के क्या चाहिए हमने कहा बिजली के विषय मे जानकारी चाहिए काफी समय से नही आ रही आप ने कहा था दो घण्टे में आएगी तो उन्होंने तपाक से दो घण्टा और बढ़ा दिया और दलील ये दी कि ज़मीन के अंदर से फाल्ट है उसको ठीक करने के लिए लेसु से मशीन मंगाई गई है तो जब वो आएगी तब समस्या दूर होगी क्योंकि मशीन एक ही है।
बताइये इतना बड़ा क्षेत्र और अंडर ग्राउंड केबिल फाल्ट दूर करने की मशीन एक उसके ऊपर आप ये कहते हैं कि आप बिजली की सुविधा बेहतर देते हैं।जब आपके पास मशीन ही नही है तो अंडर ग्राउंड केबिल डालने की क्या ज़रूरत थी काहे दिखाने लगे के आप आधुनिकता की ओर बढ़ रहे हैं जबकि आपके पास सामान है पुराने ढर्रे से बिजली ठीक करने का तो भैया बिजली के प्रति ये विभागीय लापरवाही क्यों बरती जा रही आज के समय मे हर काम बिजली से होता है उसपर से आप बिजली ही गुल कर दे रहे हो और वजह ऐसी बता रहे हो जो आपकी बदहाली साबित कर रही है पहले आप सुधरो समस्या वही सुधर जाएगी क्योंकि समस्या के जनक भी देखा जाए तो आप लोग ही हो ना ज़मीन में तार बिछाते और ना ही घण्टों उसे सही करने में लगाते वो भी हेड आफिस से मशीन मंगाने के बाद।