आगरा। नौ विधायक, दो सांसद और एक मेयर सत्ता पक्ष के होते हुए ये जनपद विकास के सूखे से जूझ रहा है। योगी सरकार ने पहला बजट पेश किया, तो आगरा वासियों को कई उम्मीदें थीं। आगरा के हिस्से में अधिक कुछ नहीं लगा। जिन मांगों को लेकर पिछले कई सालों से भाजपाई प्रदर्शन कर रहे थे, वे आज मायूस होकर बैठे हैं।तीन लाख 48 हजार करोड़ का बजट
योगी सरकार ने अपना पहला बजट पेश किया। 3 लाख 48 हजार करोड़ रुपये के बजट में आगरा के हिस्से में महज मेट्रो रेल और पेयजल के लिए घोषणा हाथ लगी। सिविल टर्मिनल, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, गोकुल बैराज, हाईकोर्ट बैंच की स्थापना इन सबमें आगरा के हाथ खाली रहे।
अखिलेश सरकार की योजनाओं को मंजूरी
योगी सरकार के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने जब बजट घोषित किया, तो आगरावासियों को कई नई योजनाओं की उम्मीदें थीं। लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हो सका। तत्तकालीन अखिलेश सरकार की योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का काम योगी सरकार ने किया। योगी सरकार के वित्त मंत्री ने आगरा की पेयजल योजना के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। वहीं अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट मेट्रो रेल के लिए आगरा को विशेष बजट की जरूरत थी। लेकिन, ऐसा नहीं हो सका। इस संबंध में कांग्रेस जिलाध्यक्ष दुष्यंत शर्मा ने कहा कि सरकार से जो उम्मीदें हैं, उन पर सरकार खरा नहीं उतर रही है। पुरानी सरकार की योजनाओं को अपने नाम से शुरू करने की वाहवाही लूटना चाहती है। हाईकोर्ट बैंच के लिए कब से आंदोलन चल रहे हैं, लेकिन हाईकोर्ट की स्थापना को लेकर कोई बजट स्वीकार नहीं किया गया। ऐसा तब हो रहा है, जब सरकार के नौ विधायक इस शहर से हैं। वहीं दो भाजपा सांसद और एक मेयर भी सत्ता पक्ष से हैं।
सपा की योजनाओं की झलक
वहीं सपा के जिलाध्यक्ष रामसहाय यादव ने कहा कि सरकार के बजट पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की योजनाओं की झलक साफ नजर आ रही है। जिन योजनाओं को अखिलेश यादव ने शुरू कराने के लिए बजट पेश किए थे, योगी सरकार उन्हीं को अपने शासनकाल में कराने के लिए बजट पेश कर रही है।