लखनऊ,NOI। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बीबीडी विश्वविद्यालय के चेयरमैन अखिलेश दास का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 56 वर्ष के थे, बुधवार सुबह लारी कार्डियोलॉजी में उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया। बताया जा रहा है उन्हें शुगर की भी लम्बे समय से बीमारी थी।
अखिलेश दास के निधन से उनके परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके समर्थकों का घर के बाहर हुजूम लगा हुआ है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बीबीडी विश्वविद्यालय के चेयरमैन अखिलेश दास का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 56 वर्ष के थे, बुधवार सुबह अचानक उनके आवास पर ही अचानक दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया। बताया जा रहा है उन्हें शुगर की भी लम्बे समय से बीमारी थी। अखिलेश दास के निधन से उनके परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके समर्थकों का घर के बाहर हुजूम लगा हुआ है।
वह लखनऊ के पूर्व मेयर भी रह चुके हैं। दास भारतीय बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष थे। वह केंद्रीय मंत्री भी रहे थे। अखिलेश दास बाबू बनारसी दास के बेटे थे। बनारसी दास उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। अखिलेश दास का जन्म 31 मार्च 1961 को लखनऊ में हुआ था। उनके दो बच्चे हैं। वह पूर्व की यूपीए सरकार में इस्पात मंत्री भी रह चुके थे। एक समय में मायावती के करीबी माने जाने वाले अखिलेश दास बहुजन समाजवादी पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव के पद पर रहें हैं।
2014 में बसपा से राज्यसभा का टिकट ना मिलने से नाराज अखिलेश ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इस दौरान अखिलेश दास ने बसपा प्रमुख पर टिकट बेचने का गंभीर आरोप भी लगाया था। फिलहाल कुछ समय पहले उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी।
अखिलेश वर्ष 1979 से 1980 तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे बनारसी दास गुप्ता के बेटे हैं। 2014 के अंत तक उन्होंने यह कहकर बसपा छोड़ दी थी कि मायावती ने दोबारा राज्यसभा सांसद बनाने के लिए उनसे 100 करोड़ रुपये मांग की थी।
1996 अखिलेश दास कांग्रेस से पहली बार राज्यसभा सांसद बने। 2004 में मनमोहन सरकार में वह स्टील मिनिस्ट्री में केंद्रीय राज्यमंत्री बने। राहुल गांधी से मतभेद के कारण बाद में उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया। 2008 में मायावती से डील कर के वह राज्यसभा सांसद बने।