लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को मिली हार का राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पता लगाने में लगे हुए हैं। सोमवार को अखिलेश यादव ने 8 जिलों के पदाधिकारियों के साथ जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट में बैठकर रीव्यू किया। इन जिलों के रीव्यू से ही अखिलेश को पता चला कि चुनावों में हार की मुख्य वजह क्या थी। मीटिंग के दौरान ही अखिलेश यादव ने कहा, ”किसी भी कीमत पर भितरघातियों को नहीं बख्शा जाएगा।” भितरघात और अपनों ने दिया धोखा… मीटिंग में संबंधित जिलों के पदाधिकारियों ने खुलकर अपनी बात को रखा।
रीव्यू के दौरान पता चला कि जिन्हें टिकट नहीं दिया गया और जो नेताओं के साथ बंटे हुए कार्यकर्ता थे, उन्ही के भितरघात की वजह से हार हुई। मीटिंग में यह बात भी उठी कि जमीनी कार्यकर्ता शिवपाल और अखिलेश गुट में बंटे हुए थे। जिसकी वजह से इतनी बुरी हार का खामियाजा उठाना पड़ा। यह ऐसे जिले हैं, जिन्हें सपा पार्टी का गढ़ माना जाता है।
ये 8 जिले माने जाते हैं सपा के गढ़
दरअसल, पहले फेज में अखिलेश यादव ने फर्रुखाबाद, इटावा, औरैया, मैनपुरी, फिरोजाबाद, कन्नौज, एटा, कासगंज जिले का रीव्यू इसलिए किया, क्योंकि यह 8 जिले सपा का गढ़ माने जाते रहे हैं। अब इन जिलों में हुई हार को अखिलेश पचा नहीं पा रहे हैं, ऐसे में उन्होंने पहले उन्ही जिलों का रीव्यू किया, जिन्हें सपा का गढ़ माना जाता है।
अखिलेश ने कहा- भितरघातियों को नहीं बख्शेंगे
मीटिंग के दौरान ही अखिलेश यादव ने कहा, ”किसी भी कीमत पर भितरघातियों को नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने पदाधिकारियों को संकेत दिए कि जल्द ही ऐसे लोगों की लिस्ट बनाई जाएगी जिन्होंने पार्टी में रहकर सपा को नुकसान पहुंचाया है।
पार्टी की 2012 में इन जिलों में ये थी स्तिथि
2012 में इटावा में 3 सीट थीं, जिस पर सपा का कब्ज़ा था। इसी तरह मैनपुरी में 4 सीट, जबकि फिरोजाबाद में 5 सीटों में से 3 पर सपा का कब्ज़ा था। वहीं, फर्रुखाबाद में 4 सीटें थी, जिनमें 3 पर सपा का कब्ज़ा था। औरैया, कन्नौज में 3 सीटों पर सपा का कब्ज़ा था। इसी तरह एटा में 4 सीटों पर, कासगंज में 3 सीटों में से 2 पर सपा और 1 पर बसपा का कब्ज़ा था।
2017 में क्या रही स्तिथि
2017 में इटावा में 3 सीटों में से 1 सपा के पास, जबकि 2 बीजेपी के पास रही। मैनपुरी में 4 सीटों में से 1 सीट बीजेपी के पास है, जबकि 3 सपा के पास हैं, औरैया में 3 सीटों में से तीनों बीजेपी के पास चली गई। फिरोजाबाद में 5 सीटों में से 4 पर बीजेपी और 1 पर सपा को जगह मिली। इसी तरह फर्रुखाबाद में 4 सीटों पर बीजेपी, कन्नौज में 3 सीटों में से 2 पर बीजेपी और 1 पर सपा का कब्ज़ा रहा। वहीं, एटा की 4 सीटों और कासगंज की 3 सीट पर बीजेपी का कब्ज़ा है।