कानपुर. पिछले पांच साल से हासिए पर चल रहा चौधरी परिवार को निकाय चुनाव में अहम भूमिका में नजर आएगा। दावेदारी के साथ ही कानपुर में साइकिल दौड़ाने की जिम्मेदारी भी परिवार को मिल चुकी है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश सिंह यादव ने रविवार को पूर्व विधान परिषद पूर्व सभापति सुखराम सिंह यादव को लखनऊ बुलाया। दोनों नेताओं ने एक कमरे में कई घंटे तक चर्चा की। सुखराम सिंह यादव ने कानपुर से वैष्य समाज के नेता को टिकट देने की बात कही। साथ ही सीसामऊ, आर्यनगर और कैंट विधानसभा क्षेत्रों में दल के अंदर चल रही फूट के बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपगत कराया।
5 साल से हासिए पर चल रहा था परिवार
2012 विधानसभा चुनाव के वक्त चौधरी हरमोहन सिंह के परिवार का समाजवादी पार्ट में खासा रूतबा था। कानपुर के आसपास की कई विधानसभा सीटों पर इनके पसंदीदा चेहरों को सपा से टिकट मिलता था। चुनाव जीतने के बाद जैसे ही सीएम की कुर्सी पर अखिलेश यादव बैठे, वैसे ही चौधरी परिवार से सीएम ने दूरी बना ली। छोटे चौधरी की मौत के बाद से बाद से मेहरबान सिंह पुरवा में अखिलेश यादव कभी नहीं आए। जबकि शिवपाल से परिवार का जुड़ाव बना रहा और वो अक्सर यहां आते रहे। लेकिन 2017 विधानसभा चुनाव की हार के बाद अखिलेश यादव ने चौधरी परिवार की तरफ दोस्ती के लिए हाथ बढ़ाया है।
मेहरबान पर मेहरबान रहे मुलायम
छह दशक की राजनीति में ग्राम सभा से लेकर राज्य सभा के सफर में चौधरी हरमोहन सिंह यादव ने कानपुर में खासा दबदबा रहा। वे कानपुर नगर महापालिका में पाषर्द बने और लगातार 42 वर्ष तक महापालिका, फिर नगर निगम के पदेन सदस्य रहे। 1989 में मुलायम सिंह के मुख्यमंत्री बनने पर हरमोहन सिंह का प्रभाव ऐसा बढ़ा कि लोग उन्हें मिनी मुख्यमंत्री कहने लगे। सपा की राजनीति में चौधरी हरमोहन सिंह कानपुर क्षेत्र का केंद्र बन गये थे। मुलायम सिंह यादव कभी चौधरी हरमोहन सिंह यादव की बात को टालते नहीं थे। चौधरी साहब के उनके पुत्र सुखराम सिंह एमएलसी और फिर विधान परिषद के सभापति बने। दूसरे पुत्र जगराम सिंह दो बार विधायक बने, स्व. हरनाम सिंह व अभिराम सिंह को भी पद दिलाये। कई नेताओं को विधान सभा व लोकसभा के लिये टिकट तथा अन्य पद दिलाये।
असंतुष्ठों को बनाएंगे सुखराम
निकाय चुनाव में चौधरी परिवार के सुखराम सिंह कानपुर में दो भागों में बंटे दल को एक करने के लिए लग एग हैं। समाजवादी पार्टी के अंदर जबरदस्त रार चल रही है। आर्यनगर से सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी, जहां अपने कार्यकर्ताओं को पार्षदी का टिकट दिलाने चाहते हैं, तो वहीं नगर अध्यक्ष फजल महमूद और इरफान सोलंकी खेमा भी दावेदारों की लिस्ट लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के पास पहुंच गए। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दोनो धड़ों के नेताओं को समझाया और सुखराम सिंह यादव को भीतरघात करने वालों पर नकेल कसने के निर्देश दिए। इसी के चलते सुखराम सिंह यादव और सूरेंद्र मोहन गुप्त ने विधायक और नगर अध्यक्ष से अगल-अगल बात की।
शिवपाल को मनाएंगे सुखराम
सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव और सुखराम सिंह के बीच गहरी मित्रता है। इसी के चलते अखिलेश यादव ने कानपुर जोन की जिम्मेदारी सुखराम को देकर नाराज चल रहे चाचा को मनाने के लिए उन्हें लगाया है। सूत्रों की माने तो सुखराम सिंह ने शिवपाल सिंह से यादव से बात कर नगर निकाय में समाजवादी साइकिल को दौड़ाने के लिए लग जाने को कहा है। हलांकि शिवपाल ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले, लेकिन उन्होंने सुखराम के जरिए राष्ट्ररय अध्यक्ष अखिलेश यादव तक अपनी बात पहुंचा दी है। शिवपाल इटावा, कन्नौज, मैनपुरी में अपने लोगों को टिकट की मांग की है। सूत्र बताते हैं कि अगर शिवपाल खेमे के कार्यकर्ताओं को टिकट दे दिया जाता है तो चाचा-भतीजे के बीच कुछ रार कम हो सकती है।