कानपुर। राहुल गांधी के साथ अखिलेश यादव ने रविवार को एकसाथ जनसभा काे संबाेधित किया। राहुल गांधी ने करीब आधे घंटे के भाषण के दौरान पीएम पर हमला बोला पर मायावती के खिलाफ कुछ नहीं कहा। साथ ही अखिलेश यादव ने भी चुटकी में ही सही मायावती को बुआ कहकर अटकलों के बाजार को गर्म कर दिया।
कानपुर के जीआईसी ग्राउंड पर लाल और सफेद टोपी पहने हजारों लोग पहली बार एक साथ दिखे। कांग्रेसी अखिलेश के पक्ष में कसीदे पढ़ रहे थे तो वहीं सपाई भी राहुल गांधी जिन्दाबाद के नारे लगा रहे थे।
लेकिन रविवार को दोनों युवा नेताओं के निशाने पर सिर्फ पीएम मोदी ही थे। राहुल गांधी ने कहा कि हम गंगा जमुनी तहजीब को भारत में एक रखने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
हमारा साथ युवा अखिलेश यादव ने दिया और जो भी राजनीतिक दल इस जंग में हमारे साथ आता है तो उसका हम स्वागत करेंगे।
पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार डीएबी कॉलेज के प्रोफेसर डॉक्टर विमल सिंह के मुताबिक सपा और कांग्रेस के बीच हुआ गठबंधन सिर्फ यूपी चुनाव तक ही सीमित नहीं है। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी के नेतृत्व में उतरने के लिए रणनाति पर परदे के पीछे काम चल रहा है।
अगर यूपी में सपा, बसपा और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो पीएम मोदी को आराम से पटखनी दे सकते हैं। यह तीनों दल के नेता भी मानते हैं कि दिल्ली का रास्ता यूपी से ही होकर निकलता है और 80 सीटों में से जो दल सबसे ज्यादा सीटें फतह करता है तो सरकार भी उसी की बनती है।
लेकिन सपा-कांग्रेस का गठबंधन पीएम मोदी को रोक नहीं सकता। इसी के चलते कांग्रेस के रणनीतिकार यूपी चुनाव में बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ ज्यादा बोलने से बच रहे हैं।