बरेली। आने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के विजय रथ को रोकने के लिए विपक्षी दल महागठबंधन की बात कर रहें है। अगर उत्तर प्रदेश में महागठबंधन बना तो माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और लोकदल मुख्य रूप से महागठबंधन में शामिल होंगे। महागठबंधन आने वाले समय में क्या प्रदर्शन करता है ये तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन अगर बात करें बरेली लोकसभा सीट की तो यहां पर 2014 में लोकसभा चुनाव में भाजपा के संतोष गंगवार ने सभी विपक्षी दलों को पीछे छोड़ कर बड़ी जीत हासिल की थी। संतोष गंगवार को सपा, बसपा और कांग्रेस के कुल वोटों से भी ज्यादा वोट प्राप्त हुए थे।मोदी लहर में सन्तोष गंगवार ने कुल वोट का 50.90 प्रतिशत वोट हासिल कर 2,40,685 मतों से जीत हासिल की थी।
सभी दलों को पीछे छोड़ा
संतोष गंगवार को 2009 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर उन्हें चुनाव मैदान में उतारा। 2014 के चुनाव में संतोष गंगवार को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट प्राप्त हुए थे। इस चुनाव में संतोष गंगवार ने 5,18,258 वोट हासिल किए और उन्हें 2009 के चुनाव में पराजित करने वाले कांग्रेस के प्रवीण सिंह एरन चौथे स्थान पर चले गए। प्रवीण सिंह एरन को 84213 वोट मिले। 2014 के चुनाव में समाजवादी पार्टी की आयशा इस्लाम को 2,77,573 वोट ही हासिल हुए और वो दूसरे स्थान पर रही जबकि बसपा से चुनाव लड़ने वाले उमेश गौतम को 106049 वोट मिले और वो तीसरे स्थान पर रहे। 2014 के चुनाव में संतोष गंगवार को 2009 की तुलना में 20.91 प्रतिशत ज्यादा वोट प्राप्त हुए और उन्होंने सपा, बसपा और कांग्रेस के कुल वोटो से ज्यादा वोट हासिल किए।
सात बार बने सांसद
बरेली के सांसद संतोष गंगवार जमीन से जुड़े नेता माने जाते है और उनकी इलाके के बड़े कुर्मी नेताओं में गिनती आती है। कुर्मी बाहुल्य बरेली लोकसभा सीट पर संतोष गंगवार ने लगातार छह बार जीत हासिल की। 1989 में पहली बार सांसद बने संतोष गंगवार को पहली बार 2009 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इसके पहले उन्होंने 1989, 1991, 1996,1998,1999 और 2004 में लगातार छह बार जीत हासिल की। 2009 में हार के बाद संतोष गंगवार को 2014 में चुनाव लड़ने का मौका मिला और वो बरेली लोकसभा सीट से सातवीं बार सांसद बने। मौजूदा मोदी सरकार में वो मंत्री भी है।