जयपुर। अजमेर बम ब्लास्ट मामले में आज कोर्ट अपना फैसला सुना दिया। मामले में असीमानंद को बरी कर दिया गया। जबकि 3 अन्य को दोषी करार दिया गया। दोषियों में भावेश, देवेंद्र गुप्ता व सुनील जोशी शामिल हैं, जबकि सुनील जोशी की मौत हो चुकी है।
एनआईए मामलों की विशेष अदालत के अजमेर में स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह परिसर में आहता में हुए बम विस्फोट मामले का फैसला सुनाया।
अदालत 25 फरवरी को इस मामले में फैसला सुनाने वाली थी। दस्तावेजों और बयानों को पढ़ने और फैसला लंबा होने के कारण लिखने में समय लगने की वजह से अदालत ने फैसला सुनाने के लिए 8 मार्च की तारीख तय की थी।
वहीं, 11 अक्टूबर 2007 को दरगाह परिसर में हुए बम विस्फोट में तीन लोग मारे गये थे और पंद्रह जायरीन घायल हो गये थे। विस्फोट के बाद पुलिस को तलाशी के दौरान एक लावारिस बैग मिला था जिसमे टाईमर डिवाईश लगा जिंदा बम रखा हुआ था।
एनआईए ने तेरह आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया था। इनमें से आठ आरोपी साल 2010 से न्यायिक हिरासत में बंद हैं। न्यायिक हिरासत में बंद आठ आरोपी स्वामी असीमानंद समेत जमानत पर है।