सीतापुर-अनूप पाण्डेय,अभिषेक शुक्ला/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर के अटरिया तहसील सिधौली के ग्राम पंचायत अटरिया में प्राथमिक विद्यालय द्वितीय के प्रधानाध्यापिका बीना पटेल पर विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा भ्रष्टाचार व वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया गया है. विद्यालय प्रबंध समिति की अध्यक्ष कमरजहां ने बताया कि जब से विद्यालय में प्रधानाध्यापिका जी ने चार्ज लिया है तब से अब तक ना कोई एसएमसी मीटिंग, ना ही क्रय समिति की मीटिंग करने व समिति की बैंक खाते से भुगतान में अपने फर्जी साईन कर सरकार पैसा निकालने का आरोप लगाया है. इस प्रकरण में अध्यक्ष कमरजहां द्वारा जिलाधिकारी को एक पत्र दिया गया था जिसका अभी तक कोई निराकरण नहीं हुआ है. इस पूरे प्रकरण में खंड शिक्षा अधिकारी प्रमोद पटेल के सरक्षण में बीना पटेल जी के कार्य करने की बात कही जा रही है. यह पूरा मामला प्रदेश की लोकायुक्त की अदालत तक पहुंच चुका है लखनऊ निवासी अधिवक्ता धीरेंद्र सिंह यादव द्वारा लोकायुक्त को भेजे गए पत्र में खंड शिक्षा अधिकारी श्री प्रमोद पटेल के ऊपर कार्यक्षेत्र में तैनात शिक्षक-शिक्षिकाओं से अवस्था पूर्व बात करने गलत आख्या देकर अकारण उत्पादन करने तथा पद का दुरुपयोग करने की बात कही जा रही है, और शिकायती पत्र में प्रमोद पटेल पर अपनी सजातीय प्रधानाध्यापिका प्राथमिक विद्यालय अटरिया द्वितीय बीना पटेल की निरंकुशता एवं भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने का भी आरोप लगाया गया है. प्रधानाध्यापिका बीना पटेल समय से देर में आती है और उपस्थिति पंजीका रजिस्टर में गलत समय लिख देती है. जब उनसे इस संबंध में जानकारी ली गई तो उन्होंने बात को घुमा फिरा कर जवाब किया. तथा ग्राम प्रधान पति अमर सिंह को गालियाँ भी दी. आपको बता दें कि अटरिया प्राथमिक विद्यालय द्वितीय में पढ़ने वाले बच्चों को ठंड से बचाव के लिए स्वेटर का वितरण 17 फरवरी किया गया जिसके कारण इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे अब तक ठंढक में पढ़ने को मजबूर रहे, जबकि स्वेटर 30 जनवरी तक ही बट जाने थे, इसे व्यवस्था का दोष कहे या प्रशासनिक लापरवाही कि ठंड का मौसम धीरे धीरे समाप्त हो रहा है तथा गर्मी का मौसम आने वाला है. कुछ दिनों बाद इन स्वेटरों की आवश्यकता नहीं रह जायेगी। ठंड के मौसम का मुख्य समय निकल गया है । इसके बाद भी सरकार के निर्देश के बाद बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी व प्रधानाचार्य की लापरवाही विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को ठंड में पढ़ने को मजबूर कर दिया. विद्यालय प्रबंध समिति ने उक्त प्रकरण की जांच खंड शिक्षा अधिकारी से दूर रखने की बात कही,