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Thursday, October 10, 2024

अपोलोमेडिक्स में बुरी तरह क्षतिग्रस्त श्वांस नली को जोड़कर बचाई बच्ची की जान, मल्टीपल डॉग बाइट के चलते कटकर बंट गई थी दो हिस्सों में

  • अपोलोमेडिक्स में ईएनटी सर्जन ने सांस की नली की जटिल सर्जरी को दिया सफलतापूर्वक अंजाम
  • आवारा कुत्तों के हमले में बच्ची की सांस की नली कटकर बंट गई थी दो टुकड़ों में

लखनऊ, 10 अगस्त 21: राजधानी के अपोलोमेडिक्स अस्पताल ने एक बार फिर अपने अल्ट्रा मॉडर्न मेडिकल टेक्नोलॉजी से एक मासूम की जान बचाने में सफलता पाई है। 8 वर्षीया बच्ची को एचएएल कैंपस में आवारा कुत्तों ने हमला कर मरणासन्न हालत में पहुंचा दिया था। कुत्तों के हमले में बच्ची की सांस की नली कटकर दो हिस्सों में बंट गई थी, जिससे उसकी हालत काफी गम्भीर हो गई थी। बच्ची के पिता ने उसे इलाज के लिए अपोलोमेडिक्स अस्पताल में भर्ती कराया जहां कई घन्टों तक चली जटिल सर्जरो के बाद उसकी जान बचाई जा सकी।

सर्जरी के बारे में जानकारी देते हुए अपोलोमेडिक्स अस्पताल की ईएनटी सर्जन डॉ सोनम राठी ने बताया, ” बच्ची को जब अपोलोमेडिक्स लाया गया तो उसके शरीर पर मल्टीप्ल डॉगबाईट के चलते खोपड़ी, गाल, चेहरे, पोस्टौरल क्षेत्र , जांघों, गर्दन पर काफी गहरे और गम्भीर घाव थे। साथ ही उसकी सांस की नली कटकर दो हिस्सों में बंट चुकी थी।”

डॉ राठी ने बताया, “बच्ची की हालत काफी नाजुक थी और हमने तुरंत सर्जरी कर उसकी सांस की नली को जोड़ने का फैसला किया। इस सर्जरी में सबसे बड़ी चुनौती थी कि क्या बच्ची की कृत्रिम सांस की नली बनानी पड़ेगी। टीम के साथ विचार विमर्श के बाद, बच्ची की सांस की नली के दोनों टुकड़ों को आपस मे जोड़ा गया। सर्जरी सफल रही लेकिन आशंका यह थी कि घाव भरने के साथ कहीं सांस की नली के जुड़ाव वाले हिस्सों में गांठे न बन जाएं। इसके लिए बच्ची को लगातार ऑब्जरवेशन में रखा गया। घाव भरने के साथ ही बच्ची की सांस की नली सामान्य तौर पर जुड़ गई और उसमें गांठें भी नहीं बनी। बच्ची को सर्जरी के बाद दो दिन वेंटिलेटर पर रखा गया और उसकी सामान्य हालत को देखते हुए डिस्चार्ज कर दिया गया। बच्ची लगातार फॉलोअप के लिए अपोलोमेडिक्स अस्पताल आ रही है और उसको बोलने में कोई कठिनाई नही है। उसकी आवाज पहले की तरह साफ और स्पष्ट है और बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है। यह एक जटिल सर्जरी थी जिसे अपोलोमेडिक्स की टीम ने पूरे प्रोफेशनलिसज्म के साथ अंजाम दिया और हम सफल रहे।”

अपोलोमेडिक्स अस्पताल के सीईओ और एमडी डॉ मयंक सोमानी ने बताया, “डॉगबाईट के चलते बच्ची की हालत काफी नाजुक हो चुकी थी, उसकी सांस की नली बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी थी, जिससे उसकी जिंदगी खतरे में पड़ चुकी थी। मुझे गर्व है अपोलोमेडिक्स की ईएनटी सर्जन्स की टीम पर जिन्होंने पूरे प्रोफेशनलिज्म के साथ अपने कर्तव्य को निभाया और मासूम की जान बचाई। मैं पूरी टीम को बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि हम इसी तरह लोगों के भरोसे को हमेशा कायम रखेंगे।

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