उत्तर प्रदेश के लोकनिर्माण एवं सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने सूबे की नौकरशाही की नकारात्मक सोच पर रोष प्रकट किया है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के पिछड़ेपन का एक कारण यह भी है.
शिवपाल सिंह ने क्रांति दिवस के अवसर पर बड़े भाई एवं सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव पर लिखी उनकी पुस्तक ‘लोहिया के ‘लेनिन’ मुलायम सिंह यादव’ के विमोचन पर कहा, ‘कुछ अधिकारी अपेक्षा के अनुसार अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर रहे हैं. हमें ऐसे भी आईएएस और आइपीएस अधिकारियों को झेलना पड़ता है, जिनकी सोच सकारात्मक न होकर बहुत नकारात्मक है.’
उन्होंने कहा कि हमें बहुत ही गहरायी से इस बात को सोचना चाहिये कि देश और प्रदेश को कहां होना चाहिये था और आज कहां है.
यादव ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ी तो देश और प्रदेश की दशा सुधारने के लिए समाजवादी सोच के लोग एक बार फिर संघर्ष के रास्ते पर उतरने को तैयार हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के मान प्रतिष्ठा की रक्षा करना सरकार का दायित्व है और वह इसमें पीछे नहीं हटेगी. हमें आजादी के लिए शहीद हुए रणबांकुरों के योगदान को सदा याद रखना चाहिये और उनका अनुसरण करना चाहिये.
संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने सपा मुखिया पर लिखी पुस्तक का विमोचन करते हुए उनकी भूरि भूरि प्रशंसा की और दावा किया कि मुलायम सिंह यादव के दबाव बनाने के बाद ही केन्द्र सरकार ने चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर सक्रियता दिखायी और बयान दिया कि सरकार इस संबंध में बातचीत कर रही है.
उन्होंने कहा कि सपा मुखिया देश के 125 करोड़ भारतवासियों के असली नायक हैं और वे जननायक कहलाने के हकदार हैं.