नई दिल्ली, प्रेट्र। हाल के विधानसभा चुनाव में वोटिंग मशीन में छेड़छाड़ के आरोपों से जूझ रहा चुनाव आयोग अगली पीढ़ी की ईवीएम खरीदेगा। छेड़छाड़ होने पर नई ईवीएम निष्क्रिय हो जाएगी और काम करना बंद कर देगी। नई मशीनें 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से एक वर्ष पहले तक आ जाएंगी।
एम3-टाइप की नई इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) स्वयं-निदान तंत्र से लैस होगी। इससे मशीन के सही होने का प्रमाण मिलेगा। यह काम एक पब्लिक की इंटरफेस आधारित आपसी प्रणाली से हो सकेगा। परमाणु ऊर्जा सार्वजनिक उद्यम ईसीआइएल या रक्षा सार्वजनिक उद्यम बीईएल द्वारा तैयार ईवीएम ही दूसरी मशीन से संपर्क स्थापित कर सकती हैं। अन्य कंपनियों द्वारा तैयार की गई ईवीएम में यह सुविधा नहीं है।
कानून मंत्रालय के मुताबिक, नई मशीनें खरीदने के लिए करीब 1,940 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। कर भुगतान और ढुलाई पर अतिरिक्त खर्च करना होगा।
चुनाव आयोग ने 2006 से पहले खरीदी गई 9,30,430 ईवीएम को बदलने का फैसला लिया है। पुरानी मशीनें 15 वर्ष तक के लिए ही थीं। कानून राज्यमंत्री पीपी चौधरी ने राज्यसभा में शुक्रवार को एक लिखित उत्तर में मशीनों की खरीद संबंधी जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि पिछले तीन वर्षो के दौरान चुनाव आयोग द्वारा एक भी मशीन नहीं खरीदी गई है।