नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद की अपनी लंबी पारी खत्म होने की पूर्व संध्या पर सोनिया गांधी ने रिटायरमेंट की बात कर सियासी गलियारे में सनसनी फैला दी। सच्चाई यह है कि अब वह अपने लिए भी कुछ वक्त चाहती हैं। गिरती सेहत और लंबे राजनीतिक जीवन के बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष परिवार के साथ कुछ वक्त बिताना चाहती हैं।
दस जनपथ के नजदीक रहे कुछ सीनियर नेताओं की मानें तो सोनिया अपनी सेहत के चलते काफी समय से अध्यक्ष पद की जिम्मेदारियों से थोड़ा दूर हटते हुए बैक सीट लेना चाह रही थीं। एक सीनियर नेता की मानें तो उन्होंने आपसी बातचीत में कुछ समय अपने शौकों के लिए निकालने के भी संकेत दिए थे। आर्ट रेस्टोरेशन यानी कला संरक्षण
सोनिया गांधी
का शौक रहा है जिसके लिए उन्हें अरसे से समय नहीं मिला था।
बता दें कि सोनिया ने नैशनल म्यूजियम से बाकायदा आर्ट रेस्टोरेशन का कोर्स भी किया है। अध्यक्ष पद की भागदौड़ खत्म होने के बाद वह अपने इस शौक के लिए समय निकालना चाहती हैं। इसके अलावा, दूसरे देशों से अपने यहां आने वाले राजनैतिक व अन्य महत्वपूर्ण हस्तियों के साथ मिलने-जुलने का समय भी चाहती हैं।
चूंकि
कांग्रेस
और घटक दल सोनिया के पूरी तरह राजनीति से संन्यास लेने के हक में नहीं हैं, इसलिए कहा जा रहा है कि बदलाव की प्रक्रिया में सोनिया के लिए कोई न कोई व्यवस्था की जाएगी। एक चर्चा यह भी है कि सोनिया कांग्रेस संसदीय दल के अध्यक्ष पद पर बनी रहेंगी। वहीं उनके लिए कोई नई व्यवस्था पर भी विचार चल रहा है, जिसका इशारा शुक्रवार को मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने संन्यास को लेकर उठे सवालों पर सफाई के दौरान किया था।
सुरजेवाला ने कहा था कि सोनिया की बुद्धिमत्ता व मार्गदर्शन की जरूरत है। हालांकि, कांग्रेस मार्गदर्शक या संरक्षक जैसे शब्दों से परहेज कर रही है। पार्टी को लगता है कि
बीजेपी
ने मार्गदर्शक के तौर पर जैसे अपने सीनियर नेताओं को हाशिए पर बैठा दिया वैसा कोई अलंकरण कांग्रेस सोनिया गांधी को देकर गलत संकेत नहीं देना चाहती।