समाजवादी पार्टी के दो एमएलसी-यशवंत सिंह और बुक्कल नवाब समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं, वहीं मायावती की पार्टी बीएसपी के MLC जयवीर सिंह ने भी मायावती की हाथी से पल्ला झाड़ लिया है और अब जो खबर मिल रही है उसके मुताबिक विपक्षी दलों के चार और एमएलसी इसी राह पर निकल सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी के दो और कांग्रेस और बीएसपी के एक-एक एमएलसी बीजेपी के संपर्क में है. खबर के मुताबिक अभी कुछ मुद्दों को लेकर इन चारों की बीजेपी नेतृत्व से बात चल रही है और अगर डील पर मुहर लग गई तो फिर ये चारों भी शाह के मिशन यूपी में जोरशोर से शामिल हो जाएंगे.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इशारों इशारों में मायावती को चेताया कि अगर दोनों साथ नहीं आये तो फिर कहीं के नहीं रहेंगे. अखिलेश ने कहा, “हम राजनीति में हैं, संबंध सबसे अच्छे हैं. कब किससे सहयोग लेना पड़े ये जरूरी नहीं हम आपको बताएं.” वैसे अभी तक मायावती की तरफ से अखिलेश के प्रस्ताव पर कोई जवाब नहीं आया है, अलबत्ता उन्होंने बीजेपी को लेकर अपने मन का डर जरूर सार्वजनिक कर दिया.
बिहार और गुजरात के बाद अब यूपी में भी बीजेपी सरकारी मशीनरी का डर दिखा कर विपक्षी पार्टियों को तोड़ने में लगी है. दूसरी तरफ विपक्ष के पाले से बीजेपी के खेमे में आने को बेताब नेतागण अपने पुराने घर को कोसने में जुटे हैं. बुक्कल नवाब की राह पर ही विपक्ष के बाकी दोनों एमएलसी और इसका सीधा फायदा बीजेपी खासकर उसके मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्रियों को होने जा रहा है.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा अभी ना तो विधानसभा के सदस्य हैं ना ही विधानपरिषद के. अब खबर मिल रही है कि विपक्षी दलों के जिन तीन एमएलसी ने अपनी सदस्यता छोड़ी है, उन सीटों से बीजेपी के ये तीनों नेता चुने जाएंगे. मतलब बीजेपी के लिए आम के आम, गुठली के दाम.