अगर आप समझते हैं कि इंटैलीजैंस ब्यूरो या सरकार की किसी खुफिया एजैंसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिशंकर अय्यर के निवास पर दिए गए विवादास्पद रात्रिभोज के बारे में सूचना दी है तो यह बिल्कुल गलत है। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री कसूरी इस भोज के मुख्यातिथि थे। दक्षिण दिल्ली में अय्यर के जंगपुरा बंगले में अन्य नेताओं को भी आमंत्रित किया गया था। कुल 26 आमंत्रित लोग थे। रात्रिभोज 8 बजे शुरू हुआ और आधी रात तक जारी रहा।
मणिशंकर और उनकी पत्नी सुनीर वीर सिंह मेजबान थीं। डा. मनमोहन सिंह और हामिद अंसारी भी मौजूद थे। एक पड़ोसी उनके घर के बाहर जाम हुए ट्रैफिक से बहुत क्रुद्ध था और उसको अपने घर में दाखिल होने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। एडवोकेट व भाजपा के कट्टर समर्थक अजय अग्रवाल बहुत निराश थे और उन्हें शीघ्र ही पता चला कि यह भारत-पाक अधिकारियों की बैठक है तो वह हरकत में आए और सीधे पी.एम.ओ. में फोन कर दिया। अजय अग्रवाल एक बार लोकसभा में भाजपा के प्रत्याशी भी रहे। बाद में यह खबर अंग्रेजी के प्रमुख टी.वी. चैनल पर दिखाई दी और उसने कांग्रेस का कबाड़ा कर दिया। मोदी ने इसका हर जगह प्रचार किया और कांग्रेस को मुंह छिपाना पड़ा।