दीपक ठाकुर
आखिरकार 8 दिन बाद असत्य पर सत्य की जीत होते दिखाई दी जैसा की सभी जानते हैं कि आर भारत के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी को महारष्ट्र सरकार ने एक ऐसे केस में गिरफ्तार करवाया था जिस केस को बंद हुए 2 साल बीत चुके थे ऐसा सिर्फ इसलिए किया गया क्योंकि अर्णब ने महाराष्ट्र सरकार की नाकामी को जन जन तक पहुंचाने का काम किया था इससे बौखलाए नेताओ ने अर्णब पर अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया था और एक ऐसी साजिश रची जिससे अर्णब को जेल हुई और महारष्ट्र सरकार की हर तरफ आलोचना हुई।
अर्णब को फसाने में सिर्फ महारष्ट्र सरकार ही नही बल्कि उसके आधीन सारी संस्थाएं भी नियम कायदे को ताक पर रख कर अर्णब के पीछे पड़ गईं और तो और सरकार के एक मंत्री ने तो पहले हुए स्टिंग में ये कबूला था कि अर्णब तो गया ये सब देख कर देश की जनता भी आहत थी अर्णब की सलामती के लिए दुआओं और प्रदर्शनों का दौर चलने लगा क्योंकि जिस तरह अर्णब को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया उस तरह तो पुलिस माफियाओं को भी नही उठाती और यही बात जनता को परेशान करने लगी सबने यही सोचा कि आखिर अर्णब ने ऐसा क्या किया जो उसे इस तरह परेशान किया जा रहा था।
अर्णब को जब रायगढ़ से तलोजा जेल शिफ्ट किया गया उस ववत भी उसको ऐसे ले जाया गया जैसे किसी आतंकवादी को ले जाया जाता है उसी वक़्त अर्णब ने अपनी आप बीती बताई और केंद्र सरकार के साथ सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में दखल देने की बात कही अर्णब ने कहा कि उनकी जान को खतरा है बावजूद इसके मुम्बई हाईकोर्ट से उन्हें जमानत नही मिली फिर आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने अपना सुप्रीम फैलसा सुनाया और अर्णब को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया इतना ही नही सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले पर जो अपनी राय दी उससे उन लोगों को तमाचा लगा जिन्होंने साजिश कर अर्णब को जेल भेजा और उसकी दिवाली काली करने की रूप रेखा तैयार की थी लेकिन जैसे ही अर्णब की रिहाई की खबर आई पूरा देश जश्न में डूबा नज़र आने लगा लोगों की आंखों में खुशी के आंसू दिखाई देने लगे मानो अर्णब सबका अपना हो।