• भोजन व कम्बल वितरण कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री स्वतंत्र देव सिंह, प्रसिद्द समाजसेवी सेवी श्रीमती अपर्णा यादव, लखनऊ के पुलिस कमिश्नर श्री डीके ठाकुर सहित कई आलाधिकारी उपस्थित थे।
लखनऊ 14 जनवरी: लखनऊ में बढ़ती ठण्ड से आश्रयहीन लोगों के बचाव हेतु समाजसेवियों ने मानवता का मिसाल पेश की। जरूरतमंद और बेसहारों को कड़ाके की ठंड से राहत दिलाने के लिए मकर संक्रांति के अवसर पर लखनऊ की समाजसेवी संस्था अर्पण ‘वे ऑफ़ लाइफ’ की अंशु सिंह और अनूप सिंह चंदन ने गरीबों को भोजन कराया और ठंड से बचने के लिए कम्बल वितरित किए। इन्हें पाकर असहाय लोगों के चेहरे पर सुकून के भाव दिखाई दिए।
लखनऊ के प्रसिद्द हनुमान मंदिर के सामने मकर संक्रांति के पावन अवसर पर अर्पण ‘वे ऑफ़ लाइफ’ की तरफ से खिचड़ी और कम्बल वितरण के बाद संस्था की चेयरमैन अंशु सिंह ने कहा, “मकर संक्रांति पर जब सूर्य भगवान उत्तरायण होते और किसान बंधु अपनी नई फसल की खुशियां मनाते हैं, उसी तरह इस पावन पर्व पर जरुरतमंदों के साथ खुशियां साझा करने में वास्तविक आनंद प्राप्त होता है।”
भोजन व कम्बल वितरण कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों की जानी-मानी हस्तियां उपस्थित थीं, इनमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री स्वतंत्र देव सिंह, प्रसिद्द समाजसेवी सेवी श्रीमती अपर्णा यादव, लखनऊ के पुलिस कमिश्नर श्री डीके ठाकुर, आईएएस ब्रह्मदेव राम तिवारी, आईआरएस आस्था नन्द पाठक, प्रदेश सरकार के मीडिया सलाहकार श्री शलभ मणि त्रिपाठी, हजरतगंज के एसीपी राघवेन्द्र मिश्रा, एएसपी एसटीएफ़ विनय विक्रम सिंह, सीओ एसटीएफ़ दीपक सिंह सहित कई आलाधिकारी और सम्मानित जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
संस्था के ट्रस्टी अनूप सिंह चंदन ने कहा, “बेसहारा और निराश्रित लोग भी समाज का हिस्सा हैं और किसी साथी को भोजन कराना हम सब का कर्तव्य है, संस्था इस तरह के आयोजन करती रहती है। यह आयोजन उसी क्रम में मकर संक्रांति के पावन अवसर पर किया गया है। संस्था द्वारा निराश्रित लोगों के ठंड से बचाव के लिए कम्बल भी वितरित किए हैं। इनके चेहरे पर आए संतुष्टि के भाव हमारे अमूल्य धरोहर है।
संस्था की चेयरमैन अंशु सिंह का जीवन काफी सादगी भरा रहा है। उन्होंने संस्था की तरफ से हरिद्वार में निराश्रित वृद्धों को आश्रय देने के उद्देश्य से वृद्धाश्रम का निर्माण भी करवाया है। साथ ही वे महिलाओं को शिक्षा के लिए जागरूक कर उन्हें स्वालम्बी बनने में मदद करती हैं।