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Thursday, January 16, 2025

अलवर में रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाते ही साहब हो गए बेहोश!

एंटी करप्शन ब्यूरो ने डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत ले रहे अलवर के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नभेंद्र सिंह भाटी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. यह अध‍िकारी अलवर के राजगढ़ के एक निजी अस्पताल में जननी सुरक्षा योजना का एमओयू रिन्यू करने एवं जप्त रिकॉर्ड की जांच को खत्म करने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के नाम पर रिश्वत ले रहे थे.

भाटी को जैसे ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गिरफ्तार किया वो फर्श पर ही लेटकर बेहोश होने का स्वांग करने लगे, जहां से पुलिसवाले उन्हें अस्पताल ले गए. मगर बहानेबाजी चली नही और डाक्टरों के भाटी को पूरी तरह फिट बताने के बाद उन्हें वापस एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) के हवालात में आना पड़ा. जननी सुरक्षा योजना में अस्पताल के जरिए राजस्थान सरकार गर्भवती महिलाओं को प्रसव के बाद 14 हजार रुपए देती है.

कार में बैठकर पैसे ले रहे अधिकारी ने पैसे मिलते हीं जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी पंकज जैन को फोन लगाकर कहा कि पैसे मिल गए हैं. पकड़े जाने पर उन्होंने कहा कि सीएमएचओ( चीफ मेडिकल हेल्थ आफिसर) के लिए रिश्वत ली थी. उधर अपने अधिकारी के पकड़े जाने की खबर मिलते ही सीएमएचओ साहब जयपुर रवाना हो गए, जहां से उन्हें अलवर बुलाया गया है.

एंटी करप्शन ब्यूरो के पुलिस उपाधीक्षक सालेह मोहम्मद ने बताया कि राजगढ़ के निजी वेदांता अस्पताल के संचालक डॉ हरि मोहन सैनी ने लिखित शिकायत दी कि अलवर के जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर पंकज गुप्ता ने 5 अप्रैल को राजगढ़ के टहला रोड स्थित वेदांता हॉस्पिटल पर छापे की कार्यवाही की जिसमें यह अस्पताल अवैध रुप से संचालित पाया गया था.

सीएमएचओ ने इसका रिकॉर्ड जप्त कर लिया था. सीएमएचओ के साथ उनका भाई अमित गुप्ता भी साथ था.अमित गुप्ता मौके पर ही डॉक्टर हरि मोहन सैनी को धमकी देकर आया था कि अगर दो लाख रुपए नहीं दिए तो तुम्हारे हॉस्पिटल को बंद करवा दिया जाएगा.

उसके बाद फिर 7 तारीख अप्रैल को डॉक्टर हरी मोहन सैनी मालिक वेदांता हॉस्पिटल को फिर फोन कर कर धमकी दी. इसी बीच जिला कार्यक्रम प्रबंधक नभेंद्र सिंह भाटी के माध्यम से वेदांता हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर हरिमोहन सैनी से 2 लाख रुपए की मांग की जाने लगी. ये फोन भी सीएमएचओ के भाई अमित गुप्ता के द्वारा किया गया था, जिस पर डॉक्टर हरी मोहन सैनी ने डेढ़ लाख रुपए की बात देना तय किया. डॉक्टर हरिमोहन सैनी ने इसकी शिकायत 10 अप्रैल को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को दी तो भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने शिकायत का सत्यापन कराया जो शिकायत सही पाई गई .

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