28 C
Lucknow
Friday, January 17, 2025

अवर अभियंता ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम प्रधान मिलकर लगा रहे है सरकारी योजनाओं को पलीता ।

सीतापुर-अनूप पाण्डेय, राकेश पाण्डेय/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर हरगाँव् इंदिरा आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना व मनरेगा के तहत कराए गए कार्यों में ग्राम प्रधान आशा देवी पत्नी आसाराम ग्राम पंचायत अधिकारी मनोज शर्मा व अवर अभियंता पुष्पेंद्र वर्मा के बीच सरकारी योजनाओं का खुलकर हो रहा बंदरबांट हो रहा है। और उनके द्वारा सरकारी योजनाओं को पलीता लगाया जा रहा है। जन शिकायत पर विकास खण्ड परसेंडी की ग्राम पंचायत शेरपुर सरावा में जब इस संवाददाता ने गांव पहुंचकर हकीकत देखी तो वहां स्थिति बद से बदतर मिली। जगदीश पुत्र रतन, छोटकन पुत्र रतनू, मनोज पुत्र रतन, हरद्वारी पुत्र सीताराम, बृजलाल , सागर इत्यादि लाभार्थियों ने बताया कि प्रति आवास 20 हजार रुपये प्रधान प्रतिनिधि आशाराम द्वारा वसूले गए आवास पर छत लाभार्थियों ने अपने घर की सामग्री जैसे बकरी इत्यादि बेचकर डलवाई है । जबकि प्रधान के द्वारा अपात्रों को पात्र बना कर उनसे 40 हजार रुपये प्रति लाभार्थी वसूले गये। शिवपाल पुत्र चंद्रिका निवासी ग्राम अंगेठा, कामता पुत्र छोटकऊ निवासी ग्राम अंगेठा आदि अपात्र व्यक्तिओ को आवास का लाभ दिया गया , जबकि पात्र व्यक्ति इतना पैसा ना दे पाने के कारण त्रिपाल के नीचे रहने को मजबूर है। सत्तर वर्षीय गार्गी पुत्र जियालाल फैमिली आई डी 1371726 दुलारे पुत्र नोखे फैमिली आई डी संख्या 2150041 ग्राम दरियाबाद इनके आवास काटकर भी अपात्रों को दे दिये गये। धनीराम पुत्र नरपत यह विकलांग है श्री राम पुत्र केदारी सोबरन पुत्र लोकन राजकुमारी पत्नी राजकुमार चंद्रकांत पुत्र ब्रजलाल रामहेत पुत्र मुन्नालाल संतोषी पत्नी राम हेत श्रवण पुत्र राम विलास तारा चंद पुत्र कन्हैया निवासी ग्राम शेरपुर सरांवा भूमिहीन है पिछडी जाति से आते हैं इन्हें आवास का लाभ नहीं मिला इन पीडितो ने उप जिला अधिकारी लहरपुर को शपथ पत्र के माध्यम से अवगत भी कराया। लेकिन भ्रष्टाचार के चलते जांच नहीं हुई। मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि जो अधिकारी जांच में आता है उसे प्रधान के द्वारा अच्छी खासी रकम उपलब्ध करा दी जाती है वह वहीं से वापस हो जाता है जिस कारण पीडितो को न्याय नहीं मिल रहा है। यही नहीं मनरेगा से मिलने वाली 90 दिन की मजदूरी भी ग्राम प्रधान प्रतिनिधि व पंचायत सेक्रेटरी मिलकर डकार गये। भ्रष्टाचार का जीता जागता प्रमाण देखा जा सकता है कोडरा से लोधपुरवा संपर्क मार्ग तक खड़ंजा के निर्माण कार्य जिसकी प्राक्कलन लागत 1750000 रुपये अवर अभियन्ता पुष्पेंद्र वर्मा द्वारा आंकी गयी लेकिन अवर अभियन्ता ने खूब बढ़ा – चढ़ा कर 60:40 के अनुपात को ताख पर रखकर स्टीमेट बनाया गया, जो किसी भी मानक को पूरा नही कर रहा है । ग्राम पंचायत से मोटी रकम कमाने के लिये समीकरण बिगाड़ा जा रहा है। ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी की मिलीभगत से पीला ईंट व अद्धा ईटों से खड़ंजे का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। जबकि कुछ समय पूर्व जगदीश के मकान से कच्ची सड़क जिसका निर्माण कार्य भी मानक के अनुरूप नहीं किया गया जिसकी हकीकत कोई भी देख सकता है। इन सब चीजों से साबित हो रहा है कि परसेंडी ब्लॉक भी भ्रष्टाचार में पीछे नहीं है कुछ सूत्रों से ज्ञात हुआ कि भ्रष्टाचार ब्लॉक से पनपता है। इसकी जब हकीकत जानने की कोशिश की गई तो जानकारी हुई की सारे स्टीमेट आफिस में न बनकर अवर अभियन्ता के घर पर बनते है व वहीँ पर पास होते है सुबह से लेकर शाम तक अवर अभियन्ता के आनंद नगर आवास पर मेला लगा रहता है । पूरा विकास खण्ड परसेंडी अवर अभियन्ता की जेब मे रहता है । क्योंकि अवर अभियन्ता अपने को विधायक व सांसद का करीबी जो बताते है। पूर्व सरकार में इन्हीं अवर अभियन्ता का कमीशन 10 परसेंट था वर्तमान सरकार में इन्हीं अवर अभियन्ता का कमीशन बढ़कर 13 परसेंट हो गया । इसी से लगता है कि भ्रष्टाचार घटा नहीं है बल्कि बढ़-चढ़कर हो रहा है इन अवर अभियन्ता महोदय की कारगुजारियों से जिले के आला अधिकारी भी भली भांति अवगत हैं। यह महोदय ग्राम प्रधानों से अपनी कुछ चुनिंदा फर्मों को ग्राम पंचायतों से पेमेंट करने का दबाव बनाते हैं। तथा स्वयं के द्वारा व कुछ चुनिंदा फर्मो के माध्यम से स्ट्रीट लाइट डस्टबिन ह्यूम पाइप शौचालय निर्माण आदि की सप्लाई की जा रही है। जो ठेकेदार पहले अवर अभियन्ता की जेब गरम करता है उसको ही ग्राम पंचायत में काम दिलाने का काम किया जा रहा है। एक तरफ भाजपा सरकार जहाँ भ्रष्टाचार मुक्त देश करने की दुहाई देती है वहीं शासन व प्रशासन के इन जिम्मेदार अधिकारियों व जनता द्वारा चुने गये प्रतिनिधियों की दूषित मानसिकता की वजह से शर्मसार होना पड़ रहा है । अब देखना यह है, कि दोषी भ्रष्ट ग्राम प्रधान, पंचायत सेक्रेटरी अवर अभियन्ता आदि पर क्या कार्यवाही की जाती है,जो प्रधानमंत्री के सपनों को साकार होने में रोड़ा बन रहे है, या फिर पहले की भांति ठंडे बस्ते में डालकर बिना जाँच के मामले को रफा दफा करने का काम शासन प्रशासन द्वारा कर दिया जायेगा। यह सवाल जनता के बीच घुमड़ रहा है।

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

1 टिप्पणी

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें