इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रामपुर की कोसी नदी में अवैध बालू खनन के मामले में सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने रामपुर में तैनात रहे दो जिलाधिकारियों को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने का आदेश दिया है। इनमें से एक आईएएस अफसर गोरखपुर के जिलाधिकारी राजीव रौतेला और दूसरे कानपुर देहात के जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह हैं। इन दोनों पर हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद अवैध खनन को बढ़ावा देने का आरोप है।
इसके साथ ही कोर्ट ने मुख्य सचिव को जिला प्रशासन और पुलिस के ऐसे अधिकारियों के खिलाफ एक महीने में जांच पूरी कर कार्रवाई करने के लिए कहा है जो वहां तैनात रहे हैं। कोर्ट ने कहा है कि, ”दो वर्ष पहले उसके द्वारा दिए गए आदेश का पालन न करना यह दिखाता है कि तत्कालीन सरकार ने भी ऐसे अधिकारियों को बचाने की कोशिश की।”
चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस एमके गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश रामपुर के मकसूद की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा है कि, कोसी में बालू के अवैध खनन में मदद करने और कोर्ट के आदेश के बाद भी इसके आरोपित को बचाने में शामिल रहे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका की जांच कराकर दोषी पाए जाने पर ऐसे अधिकारियों के खिलाफ मुख्य सचिव कार्रवाई करें। कोर्ट ने कहा है कि, वह इस पर मामले पर 16 जनवरी को सुनवाई करेगा। इस दौरान चीफ सेक्रटरी आदेश के पालन की रिपोर्ट हलफनामे के साथ कोर्ट में दाखिल करें।
हाई कोर्ट ने कहा है कि, मुख्य सचिव जिले में उस समय तैनात रहे सभी प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच कराएं और यदि वे दोषी हैं और सेवानिवृत्त (रिटायर) नहीं हुए हैं तो उनपर विभागीय व दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
यह है पूरा मामला
रामपुर जिले के दढिय़ाल निवासी मकसूद ने दो वर्ष पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर प्रशासन की शह पर अवैध खनन कराए जाने की शिकायत की थी। हाई कोर्ट ने 24 अगस्त 2015 को प्रशासन को कार्रवाई के आदेश दिए थे। याचिका में हुसैन क्रेशर के मालिक गुलाम हुसैन नन्हें पर कोसी नदी से अवैध खनन करने का आरोप लगाया था।
कोर्ट में शिकायत करने पर मकसूद पर हमला भी हुआ था। तब रामपुर के जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह थे। बाद में रामपुर में तैनात हुए जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने 16 जुलाई 2016 को लाइसेंस नवीनीकरण कर दिया। खनन पर रोक न लगने और अधिकारियों द्वारा कदम न उठाने से क्षुब्ध मकसूद ने दोबारा हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। इस पर हाई कोर्ट ने वर्तमान जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी को तलब किया था। इस मामले में लगातार तीन दिन सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह आदेश पारित किया है।