लखनऊ,दीपक ठाकुर।माँ दुर्गा जी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है। नवरात्र के आठवें दिन इनकी पूजा का विधान है। इनका वर्ण पूर्णतः गौर है। महागौरी ने अपने पार्वती रूप में भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी जिस कारण इनका पूरा शरीर काला पड़ गया था।भगवान शिव ने इनके तप से प्रसन्न हो कर इनके शरीर पर गंगा जी का पवित्र जल डाला तब इनका इनका वर्ण विधुत प्रवाह के समान गौर हो उठा था। तभी से इनका नाम महागौरी पड़ा।इनकी उपासना से भक्तों के सभी पाप धुल जाते है।
नवरात्रि के आठवें दिन हर मंदिर मे माँ के इसी रूप की पूजा बड़े विधि विधान से की जाती हैं भक्त सुबह से ही माता के दर्शन को आते है और मनवांछित फल पाते हैं। ऐसा ही भक्तिमय नज़ारा शाम को ठाकुर गंज स्थित पूर्वी देवी मंदिर में दिखाई दिया मंदिर के भीतर की सजावट देखते ही बन रही थी प्याजी रंग के वस्त्रो और आकर्षक आभूषणों के साथ माँ की मूरत अलौकिक प्रकाश फैलाती नज़र आ रही थी समस्त मंदिर प्रांगण को सुंदर फूलों से सजाया गया था।
मंदिर परिसर के बाहर की सजावट भी देखते बन रही थीं जगमगाती लाईट से होता हुआ रास्ता मंदिर के अंदर तक जाता ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो साक्षात माता रानी महागौरी के दर्शन हो गए हों।
सुहागन महिलाओं के लिए महागौरी की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है इस लिए माँ के हाथों में सिंदूर भी अपनी सुंदरता बढ़ाता नज़र आ रहा था।महिला समिति की सदस्य मंजू शुक्ला का भजन और वहां उपस्थित भक्तों का सहयोग माहौल को भक्तिमय बनाने की कोई कोर कसर नही छोड़ रहा था।कई भक्त तो माँ के भजन सुनकर मंदिर परिसर में आने को उतारू होते दिखाई ढ़िये।
भजन के बाद माँ की भव्य आरती में भी सभी भक्त एक सुर में माता के जयकारे लगाते नज़र आ रहे थे सभी भक्त बारी बारी माँ के करीब जाकर उनके चरण स्पर्श कर रहे थे और प्रासाद पाकर खुद को धन्य समझ रहे थे।माँ पूर्वी देवी मंदिर कि एक खास बात ये भी बताई जाती है कि यहां खाली झोली ज़रूर माता रानी भरती है दुख चाहे जो ही सब मां दूर करती है।