कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे अहमद पटेल कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद फंड जुटाने में लग गए हैं। खबर है कि कांग्रेस पार्टी पहली बार पैसे के इतने बड़े संकट से जूझ रही है। सो, एक साथ पैसे बचाने और पैसा जुटाने दोनों की मुहिम चल रही है। पैसा बचाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने पदाधिकारियों से कहा है कि वे हवाई जहाज की बजाय ट्रेन से चलें। पार्टी के सचिवों को यह निर्देश दिया गया है। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने बड़ी संख्या में सचिव नियुक्त किए हैं और उनको राज्यों में इलाकेवार प्रभार दिया गया है।
बहरहाल, यह भी कहा जा रहा है कि इस बार राज्यों के चुनावों से लेकर लोकसभा चुनाव तक कांग्रेस पार्टी अपने समर्थकों से वोट के साथ साथ नोट भी मांगेगी। यानी पार्टी चंदा लेकर चुनाव लड़ने के पुराने मॉडल पर लौटी है। बताया जा रहा है इलेक्टोरल बांड के जरिए चंदा लेने का सिस्टम शुरू होने के बाद विपक्षी पार्टियों को कारपोरेट का चंदा मिलना लगभग नामुमकिन हो गया है। विपक्षी पार्टियों को कारपोरेट का चंदा बहुत कम मिलेगा।
अहमद पटेल से पहले कोषाध्यक्ष रहते मोतीलाल वोरा ने पार्टी के सांसदों, विधायकों से चंदा लेने का बहुत प्रयास करते रहे थे। सांसदों, विधायकों को एक नियमित चंदा पार्टी को देना होता था। लेकिन ज्यादातर नेता यह पैसा समय से नहीं जमा कराते थे।