मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर अजान में क्या बोला जाता है, कभी आपने उसे समझने की कोशिश की है की जो बोला जाता है उसका मतलब क्या है ध्यान से समझिये सर्वप्रथम मुअज्जिन चार बार ‘अल्लाहो अकबर’ *यानी अल्लाह सबसे बड़ा है, कहता है बाद वह दो बार कहता है, ‘अशहदो अल ला इलाह इल्लल्लाह’ अर्थात मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई पूज्य नहीं है। फिर दो बार कहता है ‘अशहदु अन-ना मुहम्मदर्रसूलुल्लाह’ जिसका अर्थ है- *मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद अल्लाह के रसूल हैं, उनके अलावा कोई नहीं ।*फिर मुअज्जिन दाहिनी ओर मुँह करके दो बार कहता है ‘हय-या अललसला’…*अर्थात आओ नमाज की ओर।* फिर दाईं ओर मुँह करके दो बार कहता है, ‘हय-या अलल फलाह’ *यानी आओ कामयाबी की ओर।* इसके बाद वह सामने (पश्चिम) की ओर मुँह करके कहता है ‘अल्लाहो अकबर’ अर्थात *अल्लाह ही एकमात्र सबसे बड़ा है।*-इनको अज़ान पसंद है ! मैडम ये भी बताएं की “हलाला” भी पसंद है या नहीं !अंत में एक बार ‘ला इलाह इल्लल्लाह’ अर्थात *अल्लाह के सिवा कोई भी पूज्य नहीं* है। अज़ान से रोजाना 5 बार यही कहा जाता है की सिर्फ अल्लाह ही पूज्य है, सिर्फ अल्लाह ही भगवान् है, मोहम्मद ही अल्लाह का पैगम्बर है बाकि कोई पूज्य नहीं है आप भले कहें की सभी धर्म एक सामान है, पूज्य है पर मस्जिद से रोजाना 5 बार अज़ान में क्या कहा जाता है ये आप ऊपर पढ़ चुके है और आईएएस संजय दीक्षित ने देखें इसपर क्या बयान दिया है
संजय दीक्षित ने कहा की अज़ान से मुझे समस्या है क्यूंकि इस से मेरे धर्म का घोर अपमान रोजाना 5 बार किया जाता है, कहा जाता है की केवल हमारा भगवान् ही भगवान् है बाकि किसी का नहीं