दीपक ठाकुर:NOI।
अस्सी के दशक की सुपर स्टार श्रीदेवी का पार्थिव शरीर जब भारत आया तो उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हुजूम सड़क से उनके घर तक घर तक दिखाई दे रहा था।लोग श्री देवी की एक झलक पाने के लिए बेचैन दिखाई दे रहे थे।सुबह साढ़े नौ बजे से साढ़े बारह बजे का वक़्त प्रशंसको के लिए तय किया गया था सेलिब्रेशन क्लब में।
इस दौरान रात से ही क्लब के बाहर लोगो की भारी भीड़ जुटने लगी थी श्रीदेवी के अंतिम दर्शन में नायक से खलनायक और पूर्व और वर्तमान नायिकाओं का तांता लगा हुआ था तीन घण्टे उनके अंतिम दर्शन के लिए काफी नही थे ऐसा वहां से आ रही तस्वीर को देख कर लग रहा था।जो भी श्रीदेवी को देखने गया वो आंसुओ के साथ ही वापस आता नज़र आ रहा था।अंतिम वक़्त में भी श्रीदेवी का सौंदर्य देखने लायक था लोगों का कहना था कि उनकी मुस्कान ऐसी नज़र आ रही थी मानो वो कुछ बोलने जा रही हों।
साढ़े 12 के बाद जब श्मशान की यात्रा शुरू हुई तब भी भीड़ में कोई कमी नही आई बल्कि चौगुना इज़ाफ़ा ही नज़र आया सैकड़ों की संख्या में लोग शवयात्रा में शामिल थे तो वही बाकी लोग अपने घरों की छतों से उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजली दे रहे थे।तिरंगे में लिपटे श्रीदेवी के पार्थिव शरीर के साथ उनके पति बोनी कपूर और अर्जुन कपूर भी काफी गमगीन नज़र आ रहे थे।
श्रीदेवी का यूं अचानक सब को छोड़ कर चले जाना सबके लिए सदमे से कम नही था अभी श्री देवी की बेटी जाह्न्वी की पहली फ़िल्म भी रिलीज़ होने को है जिसको लेकर श्रीदेवी खुद काफी उत्साहित थीं मगर नियती को कुछ और ही मंजूर था जिसके आगे सब बेबस ही नज़र आते हैं।