बहराइच _अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत केवल पुर रुपईडीहा को आजादी के बाद से अब तक नगर पंचायत का दर्जा नहीं मिल रहा इसे जनप्रतिनिधि की उपेक्षा कहें या सरकारी तंत्र की लापरवाही लगभग 50 हजार की आबादी वाले इस गांव पंचायत को वर्षों से उपेक्षा का शिकार बनना पड़ रहा है
रुपईडीहा विकास मंच_ के वरिष्ठ सदस्य गण ने कस्बे के विकास और नगर पंचायत का दर्जा दिलाने के लिए दर्जनों बार पूर्व में आंदोलन किया ! आंदोलन का यह असर हुआ कि जिले के आला अधिकारियों ने शासन स्तर पर कस्बे के विकास और नगर पंचायत दर्जा देने को लेकर पत्राचार भी किया
बीते दो दशक में जिले में तैनात जिलाधिकारी की ओर से बार-बार शासन को पत्राचार किया जा चुका है ! जनप्रतिनिधियों ने भी शासन स्तर पर नगर पंचायत का दर्जा की मांग से समर्थित पत्र लिखें और पैरवी भी की अब इसे से जनप्रतिनिधि की ओर से बरती गई असावधानी कहे या उपेक्षा ! जिले की दो ग्राम पंचायत कैसरगंज व पयागपुर को अभी हाल के त्रिस्तरीय चुनाव से पहले नगर पंचायत का दर्जा मिल चुका है भले ही वह ग्राम पंचायतें नगर पंचायतें का दर्जा हासिल करने के लिए मापदंड ना पूरा करता हो
लेकिन रुपईडीहा कस्बा आबादी के हिसाब से देखा जाए तो भी नगर पंचायत का दर्जा हासिल करने के लिए सभी मापदंड पर खरा उतर रहा है!
लेकिन अभी तक रुपईडीहा को नगर पंचायत का दर्जा नहीं मिला है आखिरकार शासन क्यों कर रहा है रुपईडीहा के साथ सौतेला व्यवहार !
पूर्व में जिला अधिकारी शंभू कुमार की ओर से कस्बे का भ्रमण करने के बाद शासन स्तर पर पत्राचार किया गया था ! लेकिन जिलाधिकारी शंभू कुमार द्वारा किए गए पत्राचार भी राम भरोसे रह गए !