पुराने 500 और 1000 के नोट बदलने की आखिरी खिड़की भी बंद हो गई. 31 मार्च की शाम 5 बजते ही पुराने नोट को जमा कराने के लिए RBI के काउंटर भी बंद हो गए. आखिरी दिन सुबह से ही रिजर्व बैंक के बाहर लंबी कतार लगी रही. लोग प्रतिबंधित हुई 500 और 1000 रुपये की करेंसी को रिजर्व बैंक में जमा कराने के लिए आखिरी वक्त पर परेशान दिखे.
नोटबंदी के ऐलान के बाद जेल से छूटे कैदी
रिजर्व बैंक के बाहर कतार में लगे लोगों से ‘आज तक’ संवाददाताओं ने बात की. कतार में लगे एक ऐसे ही व्यक्ति ने बताया कि नोटबंदी के ऐलान के वक्त वह जेल की सलाखों के पीछे था. जब वह जेल से छूटकर बाहर आया तो उसे अपने घर में 16,000 की पुरानी करेंसी मिली. वो भी आखिरी दिन इस नोटों को RBI काउंटर पर जमा कराने के लिए जद्दोजहद करते नजर आए.
मां के निधन के बाद मिली पुरानी करेंसी
वहीं रिजर्व बैंक की कतार में लगा एक ऐसा बेटा भी था, जिसकी मां का कुछ दिन पहले निधन हो गया. निधन के बाद उसे मां के बक्से में कई प्रतिबंधित करेंसी मिली. इस करेंसी को रिजर्व बैंक में जमाकर नई करेंसी पाने की जद्दोजहद में पड़े इस आदमी ने बताया कि तबीयत खराब होने के कारण उसकी मां को न तो नोटबंदी का ऐलान समझ में आया और न ही यह जानकारी थी कि 500 और 1000 रुपये की पुरानी करेंसी प्रतिबंधित की जा चुकी है.
पासपोर्ट एंट्री पर बदल रहे नोट
चंडीगढ़ में आरबीआई के रीजनल सेंटर में काफी लोग अपने हाथ में पुराने नोट लेकर उनको बदलवाने के लिए पहुंचे. लेकिन यहां पर ये पुराने नोट नहीं बदले गए. हालांकि आरबीआई के दफ्तर के बाहर एक नोटिस लगा था जिस पर लिखा था कि ऐसे लोग जो कि नोटबंदी के दौरान देश में नहीं थे वो अपने दस्तावेज दिखाकर (पासपोर्ट) पुराने नोट बदल सकते हैं.
आरबीआई के रीजनल ऑफिस में नहीं बदला जा रहा नोट
कुछ NRI ऐसे भी RBI के रीजनल सेंटर पर पहुंचे. ये NRI अपने हाथों में अपने पासपोर्ट और दूसरे तमाम दस्तावेज लेकर रीजनल ऑफिस के बाहर दिखे.
आरबीआई की दफ्तर के बाहर कुछ लोग इस उम्मीद पर भी आए कि पुराने नोट जमा करने में आरबीआई कुछ नरम रुख ले ले और वह अपनी पुरानी करेंसी को जमा करा दें. लेकिन इनको भी आरबीआई के दफ्तर में जाने नहीं दिया.