आज हम आपके लिए एक ऐसी खबर लाए हैं जो की आज से पहले कभी नहीं हुई और किसी ने सोचा भी नही था की ऐसा भी हो सकता हैं. दोस्तों आपने आरएसएस के बारे में तो सुना ही होगा जो की अपने को राष्ट्रवादी संगठन बताते हैं, यह दुनिया का सबसे बड़ा संगठन हैं जिसके सदस्यों की संख्या करोडो में हैं.
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दोस्तों जैसा की आप सब जानते हैं भारतीय जनता पार्टी भी आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संगठन का ही भाग मानी जाती हैं और ऐसा कहा जाता हैं कि बीजेपी को आरएसएस ही चलते हैं. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आरएसएस के ही प्रचारक थे और बीजेपी के बहुत सारे नेता आरएसएस से ही जुड़े हुए हैं.
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इन सबके बाद कांग्रेस पार्टी हमेशा से ही आरएसएस का विरोध करती रही हैं उसने कभी भी आरएसएस को नही माना हैं. कांग्रेस आरएसएस पर महात्मा गांधी को मारने का आरोप लगाती रही हैं और देश में सांम्प्रदायिक दंगे करवाने और देश को बांटने का आरोप लगाती रही हैं. राहुल गांधी अपनी किसी भी चुनावी रैली में आरएसएस पर कोई न कोई आरोप लगाये बिना नही रहते हैं और कहते हैं कि आरएसएस-बीजेपी देश को हिन्दू राष्ट्र बनान चाहती हैं.
लेकिन अब पहली बार कांग्रेस के लिए एक मुश्किल आ गई हैं जो कांग्रेस आरएसएस का इतना विरोध करती हैं उसके ही बहुत बड़े नेता और पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी आरएसएस के एक कार्यक्रम में मुख्यअथिति के रूप में शामिल होने जा रहे हैं. नागपुर में ७ जून को ये कार्यक्रम होगा और पहली बार कोई कांग्रेस का इतना बड़ा नेता वह जायेगा. इस मामले में कांग्रेस कुछ भी नहीं बोल पा रही हैं और उसे समझ में नहीं आ रहा की वो क्या करे.