लखनऊ । यूपी में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन भले हो गया लेकिन इलाहाबाद की तीन विधानसभा सीटों कोरांव, बारा और सोरांव को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। गठबंधन के बाद सपा ने ये तीनों ही सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी थीं लेकिन बाद में अचानक तीनों ही सीटों से अपने प्रत्याशी भी उतार दिए। अब बृहस्पतिवार को नाम वापसी होगी। इसके बाद ही तय होगा कि किस दल का प्रत्याशी मैदान में होगा और कौन बाहर जाएगा।
गठबंधन के बाद इलाहाबाद की सीटों को लेकर दोनों पार्टियों के बीच किस तरह का सामंजस्य बिठाया गया, यह शायद कार्यकर्ता भी नहीं समझ पा रहे हैं। शहर उत्तरी के अलावा सपा ने पहले दो सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ी तो कांग्रेस ने कोरांव से राम कृपाल कोल, बारा से सुरेश कुमार वर्मा को प्रत्याशी बनाया। इसके बाद पार्टी ने अचानक सोरांव से मौजूदा विधायक सत्यवीर मुन्ना का टिकट काटकर यह सीट भी कांग्रेस को दे दी। कांग्रेस ने यहां से जवाहर लाल दिवाकर को प्रत्याशी भी घोषित कर दिया लेकिन बाद में निर्णय बदलते हुए सपा ने फिर से सत्यवीर को मैदान में उतार दिया। कोरांव और बारा से कांग्रेस प्रत्याशियों के नामांकन के बाद सपा ने भी यहां से उम्मीदवार उतार दिए।
कोरांव से रामदेव निडर ने सपा के टिकट पर अंतिम दिन नामांकन किया तो उसी दिन बारा से अजय कुमार उर्फ मुन्ना ने भी पर्चा दाखिल कर दिया। इसके साथ सोरांव से कांग्रेस के टिकट पर जवाहर लाल दिवाकर भी मैदान में कूद पड़े। मजे की बात यह कि इन सभी प्रत्याशियों को सपा की ओर से फॉर्म ए-बी (प्रत्याशी होने का प्रमाण पत्र) भी जारी किया गया। ऐसे में गठबंधन को लेकर दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। अब बृहस्पतिवार को दोपहर तीन बजे के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी जब नाम वापसी के बाद अंतिम रूप से प्रत्याशियों की सूची जारी होगी।