सीतापुर,अनूप पाण्डेय:NOI। भगवान श्रीराम के परमभक्त हनुमानजी को माता सीता ने अमर रहने का वरदान दे दिया था। ऐसा माना जाता है कि जहां भी सुंदरकांड का पाठ विधि-विधान से होता है, वहां हनुमानजी अवश्य पहुंचते हैं। वे जल्द ही अपने भक्तों की सभी परेशानियों को हल भी कर देते हैं। जब भक्त की परेशानियां दूर हो जाती हैं, तब श्रद्धालु हनुमानजी को सिंदूर का चोला चढ़ाते हैं।
newsonindia आपको बताने जा रहा है हनुमान जयंती पर ऐसी बातें जिससे भगवान प्रसन्न होते हैं और आपकी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं। भोपाल के कथा वाचक पं. वल्लभानंद शुक्ल बता रहे हैं कि हनुमानजी की वर्ष में दो बार जयंती मनाई जाती है…।
सिंदूर चढ़ाने की यह है कहानी
धार्मिक मान्यता यह है कि वायु पुत्र हनुमान को सिंदूर अर्पित करने से वे बेहद प्रसन्न हो जाते हैं। हनुमानजी को सिंदूर का चोला चढ़ाने की यह कथा प्रचलित है।
एक दिन पवन पुत्र हनुमानजी ने सीता माता को मांग में सिंदूर लगाते हुए देख लिया, तो वे जिज्ञासावश उनसे पीछ बैठे कि माता आप अपनी मांग में सिंदूर क्यों लगा रही हैं। इस पर माता सीता ने हनुमान को बताया था कि इससे मेरे स्वामी श्रीराम की आयु और सौभाग्य बढ़ता है। यह सुनकर हनुमानजी ने सोचा कि यदि चुटकीभर सिंदूर से श्रीराम की उम्र और सौभाग्य बढ़ता है, क्यों न मैं पूरे शरीर पर ही सिंदूर लगाउंगा तो मेरे श्रीराम हमेशा-हमेशा के लिए अमर हो जाएंगे और उनकी कृपा मुझ पर हमेशा बनी रहेगी।
इसके बाद हनुमानजी अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाने लगे। तो हनुमानजी की श्रीराम के प्रति भक्ति देख सीतामाता ने उन्हें अमर रहने का वरदान दिया था। हनुमानजी को यह वरदान दीपावली के दिन मिला था। इसलिए हनुमानजी दीपावली के दिन भी मानी गई है। यानी वर्ष में दो बार हनुमानजी की जयंती मनाने की परंपरा है।