नईं दिल्ली । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि सामाजिक दायित्व समझना हम सब की जिम्मेदारी है। यह भावना भारतीयों में शुरू से ही रही है, जो हम कमाते हैं उसका एक हिस्सा दूसरे के लिए निकाल कर रख देते हैं।
यह सीख हमारे मूल्यों में है। यही नहीं जब इस मूल्य में भावना जुड़ जाती है तो सोने पर सुहागा हो जाता है। आइजीआइ एयरपोर्ट संचालक वंपनी जीएमआर वुछ इसी तरह से सामाजिक दायित्व का निर्वहन कर रही है।
यह बातें भागवत ने जीएमआर द्वारा एयरपोर्ट के समीप एयरोसिटी में आयोजित कार्यांम के दौरान कहीं। इस मौके पर कार्यांम के मुख्य अतिथि मोहन भागवत ने दो मोबाइल मेडिकल यूनिट का उद्घाटन करने के अलावा एयरपोर्ट के समीप रहने वाले 25 गरीब बच्चों को वर लक्ष्मी फाउंडेशन द्वारा गोद लेने की घोषणा भी की।
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) की मातृ वंपनी जीएमआर के कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) वर लक्ष्मी फाउंडेशन के 25 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यांम में मोहन भागवत ने कहा कि हिम्मत और वुशलता के साथ काम करना महत्वपूर्ण है।
यह भी सर्वविदित है कि अच्छाईं कभी भी बेकार नहीं जाती। वरलक्ष्मी फाउंडेशन द्वारा प्रशिक्षत और नौकरी पाने वाले युवकों से उन्होंने आह्वान किया कि वे भी अपने जैसे जरूरतमंदों की हरसंभव मदद करें। साथ ही युवकों से नौकरी मांगने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनने को कहा। वेंद्रीय उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने भी वरलक्ष्मी फाउंडेशन के कार्यं की सराहना की। वेंद्रीय राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि जीएमआर ग्रुप बेहतर कार्यं कर रहा है।
दिल्ली एयरपोर्ट पर जब विदेशी आते हैं तो उन्हें नया भारत दिखता है। उन्होंने कहा कि भारत में विमानन क्षेत्र में तेजी से विस्तार हो रहा है। आने वाले समय में आइजीआइ एयरपोर्ट विश्व के चार प्रमुख एयरपोर्ट में एक होगा। पूर्व वेंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि पहले मेरे पास कौशल विकास की जिम्मेदारी थी। जीएमआर की सीएसआर की अवधारणा हमारे लिए काफी उपयोगी साबित हुईं। सामाजिक भागीदारी द्वारा ही कौशल का बेहतर विस्तार किया जा सकता है।
जीएमआर के ग्रुप चेयरमैन जीएम राव ने कहा कि स्कील इंडिया, स्वच्छ भारत इत्यादि जैसे क्षेत्र में वंपनी प्रधानमंत्री की प्रेरणा से कार्यं कर रही है। डायल के सीईंओ आइ प्रभाकर राव ने बताया कि वर लक्ष्मी फाउंडेशन द्वारा देश भर में शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास पर कार्यं किए जा रहे हैं। अब तक इसके माध्यम से तीन हजार महिलाओं को रोजगार और दस हजार छात्रों को शिक्षा मुहैया कराईं जा चुकी है।