सीतापुर-अनूप पाण्डेय,मयंक तिवारी/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर के मानपुर कस्बे में स्थित आर्यावर्त बैंक के खाता धारक इन दिनों लेनदेन को लेकर काफी परेशान हैं। सुबह होते ही ग्रामीणों की लाइन बैंक के बाहर लग जाती है। लाइन में लगे लोगों का नाम मात्र का भुगतान होने के बाद ज्यादातर ग्राहक मायूस होकर लौट जाते हैं। क्षेत्र के करीब पचास खाता धारकों ने बैंक के प्रबंधक को प्रार्थना पत्र देकर स्थिति को तत्काल सुधारने की मांग की है, उनका आरोप है कि वह लोग एक सप्ताह से लाइन में लगकर खाली हाथ वापस लौट जाते हैं। जिससे उनके शादी विवाह, किसानी के कार्य नही हो पा रहे हैं। इतना ही नहीं कुछ लोगों ने यह भी लिखित शिकायत की है कि दलालों के द्वारा पहले से ही खाताधारकों की पासबुकें जमा करा ली जाती हैं जिन उपभोक्ताओं से लेनदेन सेट हो जाता है केवल अंदर उन्हीं की किताबें पहुंचती है बैंक प्रबंधक की मिलीभगत से दलाल पेमेंट होते ही जिन उपभोक्ताओं से अपना कमीशन ले लेते हैं उनका पेमेंट तुरंत हो जाता है बाकी लोग लाइन में खड़े रहते हैं और वापस चले जाते हैं लोगों का यह भी कहना है कि दलालों के माध्यम से तुरंत पेमेंट कराने का प्रत्येक खाताधारक से ₹100 से लेकर ₹200 तक सुविधा शुल्क लिया जाता है जो दलाल और बैंक प्रबंधक मिलकर बांट लेते हैं।
विकास खंड बिसवां के अंतर्गत मानपुर में इकलौता आर्यावर्त बैंक की शाखा है। जिसमे करीब हजारों की संख्या मे खाता धारक हैं। इस महामारी कोरोना काल मे सुबह छह बजे से ग्रामीण बैंक के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं।भीड़ भाड़ में लोग कोविड नियमों का जमकर उल्लंघन करते हैं। जिसको लेकर बैंक कर्मचारियों द्वारा कोई ब्यवस्था नही की गई है। खाता धारक निर्मल अवस्थी, मयंक, प्रवीन, मनोज कुमार, लवलेश व अरविंद सहित करीब ढाई दर्जन ग्राहकों ने प्रार्थना पत्र देकर बैंक मैनेजर को अवगत कराया कि पहुच व जुगाड़ वाले लोग ही लेनदेन कर पा रहे हैं। बाकी लोग मायूस होकर लौट रहे हैं। जिससे उनके काम प्रभावित हो रहे हैं। उनका यह भी कहना है यदि स्थित जल्दी नही सुधरी तो वे उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत कराएंगे। इस बाबत रीजनल मैनेजर विसवां से बात की गई तो उन्होंने बताया मामला संज्ञान में आया है जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।