नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज गुजरात कोर्ट से दो बहनों से बलात्कार के आरोपी स्वघोषित धर्मगुरु आसाराम बापू के केस की सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि एक समय सीमा के दरम्यान केस की सुनवाई पूरी की जाएं।
आसाराम बापू पर दो बहनों से बलात्कार करने का आरोप है। मुख्य न्यायधीश जस्टिस खेहर, जस्टिस डी वाई चंद्रचूर्ण और एस के कौल वाली बेंच ने मामले में अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयानों के साथ ही पीडित बहनों के बयान की रिकार्डिंग को कोर्ट में उपलब्ध कराने का आदेश दिया।
गुजरात कोर्ट ने कहा कि दोनों बहनों समेत 46 अन्य अभियोजन पक्ष के गवाहों की रिकार्डिग बाकी है। मामले में गुजरात की ओर से एडिशन सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट में उपस्थित हुए। उन्होंने एक ऐसे ही मामले में दो अभियोजन पक्षों के गवाहों की मौत की जानकारी दी। तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि आसाराम बापू के केस में 29 अभियोजन पक्ष के गवाहों की बयान लिये जा चुके हैं। जबकि 46 अन्य के बयान लिये जाने अभी बाकी है।
तुषार मेहता की इन दलीलों के इतर कोर्ट ने कहा कि गवाहों के बयान दर्ज करने में तेजी लायी जाएं। मामले की अगली सुनवाई जुलाई के तीसरे हफ्ते में होगी। हाल ही में कोर्ट की ओर से आसाराम की जमानत को रद्द कर दिया गया था। आसाराम की ओर से खराब स्वास्थ्य को जमानत के लिए आधार बनाया गया था। आसाराम के खिलाफ राजस्थान और गुजरात की अदालतों में दो अलग-अलग मामले दर्ज हैं।