लखनऊ,दीपक ठाकुर।उत्तर प्रदेश में जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी तो उस वक़्त पार्टी में एक ऐसा मुस्लिम चेहरा था जो खुद को मुस्लिम लोगों का रहनुमा समझता था और पार्टी भी यही सोच कर उनको एक ख़ास तवज्जो दिया करती थी पर इस बार के चुनाव के नतीजों ने बताया कि मुस्लिम वर्ग उन्हें अपना रहनुमा नहीं मानती।
पर सरकार जाने के बाद उनका मुस्लिम प्रेम कुछ ज़्यादा ही उग्र होता नज़र आ रहा हूं जैसे उनके हालिया बयान से जाहिर हो रहा है बात चाहे अयोध्या मुद्दे पर हो या खुद पर लगे भ्र्ष्टाचार के आरोप की सभी पर आजम भाई एक ही बयान दे रहे हैं वो कुर्बानी के लिए तैयार हैं।
अब बात ये समझ नहीं आ रही कि वो बार बार कुर्बानी वाला बयान क्यों दे रहे हैं क्या वो हर मामले को सांप्रदायिक रंग देना चाह रहे है या फिर ऐसा बोलने से वो जांच की आंच से बच जाएंगे इसलिए बोल देते है आखिर क्या वजह है समझ नहीं आ रही।
चलिये माना कि अयोध्या मुद्दे पर आपका ये बयान कुछ लोगों के बीच आपकी इमेज में चार चांद लगा सकता है पर वक्फ बोर्ड की ज़मीन पर हुए घोटाले को लेकर अपनी सफाई में ऐसे बयान दे कर आपको क्या हासिल होगा ये समझ नहीं आ रहा अब प्रदेश की सत्ता बदल चुकी है वर्तमान मुख्यमंत्री शपथ के साथ ही ये एलान कर चुके है कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा अब जांच तो होगी और दोषी पाए गए तो कार्यवाई भी जिससे प्रदेश की जनता खुश भी होगी जिसमें सभी धर्म के लोग शामिल हैं तो मेरी समझ से आपका कुर्बानी वाला बयान इस मुद्दे पर आपके किसी काम नहीं आने वाला।
इसलिए बार बार इस तरह के बयान दे कर देश प्रदेश में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का असफल प्रयास ना ही करें तो बेहतर होगा क्योंकि अगर इन सब बातों से लोग अब ऊब चुके हैं जिसका प्रमाण भी आपको मिल ही चुका है फिर काहे वही गाना गा कर अपना और अपनी पार्टी का मज़ाक बना रहे हैं आप।