नई दिल्ली। विवादास्पद इस्लामिक धर्म प्रचारक जाकिर नाइक की गिरफ्तारी की भारतीय कोशिशों को झटका लगा है। भारतीय जांच एजेंसियों की कमजोरी के कारण इंटरपोल ने मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ का पाठ पढ़ाने के मामले में वांछित जाकिर नाइक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से इन्कार कर दिया है। इंटरपोल ने यह फैसला तकनीकी आधार पर लिया है।
उसका कहना है कि जाकिर के खिलाफ कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है, इसलिए रेड कॉर्नर नोटिस नहीं जारी किया जा सकता। वहीं, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) का कहना है कि जाकिर नाइक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने का फैसला चार्जशीट दाखिल करने के पहले का था। इसके बारे में इंटरपोल को जानकारी दे दी गई थी।
अब तकनीकी आधार पर इंटरपोल जाकिर नाइक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से इन्कार कर रहा है, तो एनआइए नए सिरे से इंटरपोल से संपर्क साधेगी। एनआइए जाकिर नाइक के खिलाफ जांच कर रही है।
एनआइए के अनुसार, जाकिर के खिलाफ मुंबई की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है, इसलिए अब नए सिरे से इंटरपोल को इस संबंध में जानकारी दी जाएगी और रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध किया जाएगा।
नवंबर, 2016 में दर्ज हुआ था मामला-
एनआइए ने जाकिर और मुंबई स्थित उसके संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आइआरएफ) पर गैरकानूनी गतिविधियों में संलग्न रहने व धार्मिक घृणा फैलाने का आरोप लगाया है। इसे लेकर एनआइए व प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जाकिर पर केस कर रखा है।
एनआइए ने नवंबर, 2016 में उसके खिलाफ आतंकवाद रोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया था। मलेशिया में मिली है शरण जाकिर अभी मलेशिया में है। वहां उसे राजनीतिक शरण मिली हुई है। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक जुलाई, 2016 को हुए आतंकी हमले के बाद जाकिर का नाम सुर्खियों में आया था।
हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों में दो ने अपने फेसबुक पोस्ट में बताया था कि वे जाकिर से प्रभावित हैं। यह मामला मीडिया में उछलने के बाद जाकिर सात जुलाई, 2016 को भारत से भाग गया था।