उत्तर प्रदेश के इटावा में पुलिस की गुंडागर्दी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद पुलिस पूरी तरीके से बेकाबू हो गई है पुलिस अपनी वर्दी का रौब दिखाकर किसी को भी उठा कर बेरहमी से पीटती है और बाद में पैसा लेकर रिहा कर देती है ।
सत्ता में बैठी भाजपा भी पुलिस की गुंडागर्दी से तंग आ चुकी है बीती रात ऐसा वाकया इटावा में भी देखने को मिलता है जब भाजपा के ही मंडल बूथ अध्यक्ष पर पुलिस कि लाठियों का कहर टूटा।मामला इटावा के थाना फ्रेंड्स कॉलोनी के है। पुलिस ने भाजपा के निर्दोष कार्यकर्ता को बेरहमी से पीटा, पीटने की तीव्रता इतनी थी युवक अच्छे से चल भी नहीं पा रहा था ।लाठी और डंडे इस तरीके से बरसाये गए की पीड़ित पूरी तरह जख्मी हो गया।
भाजपा के जिलाध्यक्ष की मानें तो उस युवक का दोश सिर्फ इतना था कि पुलिस की कार के आगे उसने अपनी मोटरसाइकिल के इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए। ब्रेक लगाने के बाद भी युवक और पुलिस की गाड़ी में दूरी थी,कोई भी टचिंग नहीं हुई उसके बाद भी पुलिस ने अपनी गाड़ी से उतरकर उस भाजपा कार्यकर्ता को इतनी बेरहमी से पीटा और जब पीटने के बाद भी पुलिस का दिल नहीं भरा तो उस कार्यकर्ता को उठा कर थाने बंद कर दिया ओर फिर थाने में भी उस पर लाठियों का कहर बरपाया गया ।
इस घटना की जानकारी जब कार्यकर्ताओं द्वारा भाजपा जिलाध्यक्ष शिवमहेश दुबे व विधायिक सरिता भदौरिया को दी गई तो दोनों ने मामले को संज्ञान में लेकर थाना प्रभारी को कॉल किया लेकिन उनकी कॉल पर कोई भी जवाब नहीं दिया गया वही विधायिका की माने तो उनका फोन ही नहीं उठाया गया बाद में विधायक ने सीओ सदर को फोन कर पूरी सूचना दी इधर पुलिस जिलाध्यक्ष से कहती रही कि हम कार्यकर्ता को छोड़ देंगे उधर थाने में उस पर लाठियां बरसती रही।
स्थिति इतनी बिगड़ गयी कि जब जिलाध्यक्ष व विधायिका के कहने के बावजूद भी पुलिस ने उस कार्यकर्ता को नही छोड़ा तो करीब भाजपा के 500 कार्यकर्ता थाना फ्रेंड्स कॉलोनी का घिराव कर धरना प्रदर्शन पर बैठ गए।और पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे।इसी बीच पुलिस ने अपना अमानवीय चेहरा फिर पेश किया।
धरना दे रहे कार्यकर्ताओ पर पुलिस ने अपनी जीप का पहिया चढ़ा दिया जिससे 1 कार्यकर्ता घायल हो गया।
इतना भयावह धरने के बाबजूद पुलिस उस बेगुनाह कार्यकर्ता को रिहा करने के लिए तैयार नही थी।
जब स्थिति अनियत्रित होने लगी तो इटावा भाजपा जिलाध्यक्ष शिवमहेश दुबे स्वयं थाने पहुंचे व धरने पर बैठ गए।
जिलाध्यक्ष व सभी कार्यकर्ताओं की 1 ही मांग थी कि जिस दरोगा ने बेगुनाह कार्यकर्ता को पीटा है उसे ससपेंड किया जाए व जिस पुलिस ड्राइवर ने 1 कार्यकर्ता पर जीप चढ़ाई है उसके खिलाफ मुकद्दमा पंजीकृत हो।
पुलिस कोई भी कार्यवाही करने के मूड में नही थी।
स्थिति गंभीर होने पर सदर विधयिका सरिता भदौरिया भी थाने पहुंच गई।
वही एसएसपी ने बढ़ता दबाव देखते हुए एसपी सिटी विनीत जायसवाल व सीओ एसएन वैभव पांडेय को जांच के लिए थाने भेज दिया।
भाजपा जिलाध्यक्ष व विधायिका ने एसपी सिटी से काफी देर बहस की ओर कहा कि जब तक दोनों पुलिसकर्मी ससपेंड नही होंगे कोई भी कार्यकर्ता धरने से नही उठेगा।
वही भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की जिद्द के आगे पुलिस प्रशासन को अपनी गलती स्वीकार करनी पड़ी व एसएसपी अशोक त्रिपाठी ने दोनों ही दोषी पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
इसके बाद जिलाध्यक्ष शिवमहेश दुबे ने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की हमारी मांगे सुन ली गयी हैं अतः धरना प्रदर्शन खत्म करो।
देर रात सभी गुस्साए कार्यकार्यो ने धरना प्रदर्शन खत्म किया।