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Wednesday, September 11, 2024

इमरजेंसी के लिए बचत खाते, लिक्विंड फंड और FD में रखें पैसा



नई दिल्ली, एजेंसी।वित्तीय सुरक्षा के लिए 3-6 महीने के खर्च की खातिर अलग से पैसा रखना जरूरी है। अगर अचानक किसी वजह से नौकरी चली जाती है और आमदनी रुक जाती है तो इस फंड से उस मुश्किल दौर को कुछ आसानी से निकाला जा सकता है। बिजनस में नुकसान होने या बीमारी की वजह से लंबी छुट्टी की वजह से भी टेंपरेरी इनकम लॉस हो सकती है। इस फंड से अचानक के वैसे मेडिकल खर्च जो इंश्योरेंस में कवर्ड नहीं होते, उन्हें भी पूरा किया जा सकता है। इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यही है कि इमरजेंसी फंड का पैसा कहां लगाना चाहिए?
लिक्विड फंड्स का रिटर्न घटा

इमरजेंसी फंड बनाने के लिए लिक्विड फंड अच्छे होते हैं। जहां आम बचत खाते पर 4 पर्सेंट का रिटर्न मिलता है, वहीं इनसे पहले 8 पर्सेंट का रिटर्न मिल रहा था। हालांकि, अब हालात बदल गए हैं। कैटेगरी लेवल पर लिक्विड फंड्स का एक साल का रिटर्न 6.5 पर्सेंट रहा है। इसमें और कमी आने का अंदेशा है। आउटलुक एशिया कैपिटल के सीईओ मनोज नागपाल ने बताया, ‘अगर निवेशक लिक्विड फंड के पिछले रिटर्न को देखकर उसकी उम्मीद करेंगे तो यह ठीक नहीं होगा। अभी इससे 6 पर्सेंट का रिटर्न मिलने की उम्मीद की जानी चाहिए।’

हालांकि, सेविंग्स बैंक रेट्स में अचानक बड़ी गिरावट नहीं आई है। सच तो यह है कि सस्ता फंड जुटाने के लिए कुछ बैंक बचत खातों पर दूसरों की तुलना में अधिक ब्याज ऑफर कर रहे हैं। इसलिए इनका इस्तेमाल भी इमरजेंसी फंड बनाने के लिए किया जा सकता है।

बचत खाते के ब्याज पर टैक्स संबंधी फायदे

बचत खाते से 10,000 रुपये का ब्याज टैक्सफ्री है। इसलिए अगर आप इसमें 2.85 लाख रुपये रखते हैं और उस पर 3.5 पर्सेंट का ब्याज मिलता है तो आपको टैक्स की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। लिक्विड फंड पर टैक्स आपको होल्डिंग पीरियड से तय होता है। अगर होल्डिंग पीरियड तीन साल से अधिक का है तो लिक्विड फंड में निवेश टैक्स के लिहाज से फायदेमंद होगा। तब आपको टैक्स कटने के बाद करीब 5.59 पर्सेंट का रिटर्न मिलेगा, जो बचत खाते पर मिल रहे ब्याज से अधिक है। हालांकि, अगर आपको तीन साल से पहले लिक्विड फंड से पैसा निकालना पड़ता है तो सबसे ऊंचे स्लैब में आने वालों का टैक्स के बाद का रिटर्न घटकर 4.15 पर्सेंट रह जाएगा।

तुरंत कैश की जरूरत का रखें ख्याल

इमरजेंसी फंड बनाते वक्त आपको लिक्विडिटी यानी जल्द पैसा मिलने का भी ख्याल रखना चाहिए। प्लानरुपी इनवेस्टमेंट सर्विसेज के फाउंडर अमोल जोशी ने बताया, ‘इमरजेंसी कब आ जाए, इसका पता नहीं होता। इसलिए पैसा ऐसे प्रॉडक्ट्स में लगाना चाहिए, जिसे तुरंत निकाला जा सके।’ इस लिहाज से बचत खाता अच्छा विकल्प है क्योंकि इससे आप तुरंत पैसा निकाल सकते हैं। नागपाल ने बताया, ‘लिक्विड फंड के रिटर्न और बचत खाते के ब्याज में टैक्स कटने के बाद गैप बहुत कम है। इसलिए इमरजेंसी फंड के पहले 1-2 लाख रुपये बचत खाते में रखे जा सकते हैं।’ बाकी पैसे को लिक्विड फंड में डाला जा सकता है। इसे भी बहुत जल्द भुनाया जा सकता है। बैंकबाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने बताया, ‘अगर आप लिक्विड फंड की यूनिट्स को भुनाते हैं तो अगली सुबह 10 बजे आपको पैसा मिल जाता है।’ कई लिक्विड फंड्स मोबाइल ऐप बेस्ड इंस्टैंट लिक्विडिटी फैसिलिटी भी ऑफर कर रहे हैं, जहां रिडेम्पशन के तुरंत बाद पैसा आपके बैंक अकाउंट में आ जाता है। जोशी ने बताया कि इसमें आप प्रति फोलियो 50,000 रुपये ही एक दिन में रिडीम कर सकते हैं। इस मामले में बेहतर लिक्विडिटी के लिए आपके पास एक से अधिक फोलियो होने चाहिए।

अधिकतर बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़ने पर भारी पेनल्टी नहीं लगाते, इसलिए इमरजेंसी फंड का कुछ पैसा इसमें भी रखा जा सकता है। हालांकि, बैंक एफडी पर तुलनात्मक तौर पर अभी कम ब्याज मिल रहा है। फिक्स्ड डिपॉजिट शुरू करने का एक तरीका आपके सेविंग्स एकाउंट से लिंक्ड स्वीप-इन फैसिलिटी है। हालांकि, यह याद रखिए कि फिक्स्ड डिपॉजिट से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स चुकाना पड़ता है। यह लिक्विड फंड के शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन की तरह होता है।

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