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Monday, January 20, 2025

इलाहाबाद से लखनऊ पहुंची बिना नम्बर की कार, लिखा था…

लखनऊ। सरकारी नियम कायदे सब हम आप जैसे आम लोगो के लिए ही बनते है वीआईपी लोगों का अपना ही अलग रसूख होता है जो उन्हें कानून को ताक पर रखने की खुली आज़ादी देता है ऐसा हम ऐसे ही नही कह रहे ये कहने को हम मजबूर इसलिए हुए क्योंकि आज इलाहाबाद से एक सफेद कार लखनऊ की ओर बड़ी तेजी में आ रही थी जिसकी नम्बर प्लेट पर नम्बर तो नही लिखा था पर जो लिखा था वो ये बताने के लिए काफी था कि गाड़ी पर कौन सवारी कर रहा है।गाड़ी के नम्बर प्लेट वाले हिस्से में आगे और पीछे बड़े अकच्छरो में लिखा था महापौर इलाहाबाद मतलब साफ था इस गाड़ी पर जो सवार थीं वो इलाहाबाद की मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी जी थी।उन्ही की बिना नंबर प्लेट की कार में ‘महापौर इलाहाबाद’; लिखा था।

वैसे तो मोदी सरकार ने देश में वीआईपी कल्चर खत्म करने के लिए नेताओं की गाड़ी से लाल बत्ती उतारने और बिना नंबर प्लेट की गाड़ी में नहीं चलने का फैसला किया था। लेकिन इलाहाबाद से बीजेपी की मेयर अभिलाषा गुप्ता राजधानी लखनऊ में बिना नंबर प्लेट की गाड़ी के घूम रही हैं। उनकी गाड़ी पर नंबर प्लेट के स्थान पर ‘महापौर इलाहाबाद’ लिखा हुआ है।

इस बाबत जब मीडिया ने उनसे गाड़ी में नंबर नहीं होने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि यह गाड़ी उन्हें प्रशासन ने मुहैया कराई है और नंबर प्लेट के बारे में दो दिन पहले ही उन्होंने प्रशासन को अवगत कराया था। उनकी गाड़ी पर नंबर प्लेट के स्थान पर ‘महापौर इलाहाबाद’ लिखा हुआ है। बता दें कि नंबर प्लेट के स्थान पर किसी भी प्रकार का अतिरिक्त चिह्न या नाम पट्टी का इस्तेमाल गैर कानूनी है।

क्या कहा मेयर ने?

मेयर अभिलाषा गुप्ता ने कहा कि यह गाड़ी उन्होंने नहीं खरीदी, बल्कि प्रशासन ने दी है और प्रशासन ने नंबर प्लेट के लिए आरटीओ में आवेदन भी दिया हुआ है। अस्थाई नंबर के बारे में सवाल किए जाने पर वह बिना कोई जवाब दिए ही चली गईं।

योगी सरकार में मंत्री हैं पति…

अभिलाषा गुप्ता दूसरी बार इलाहाबाद की मेयर चुनी गई हैं। अभिलाषा के पति नंद गोपाल गुप्ता योगी सरकार में स्टाम्प और नागरिक उड्डयन मंत्री हैं।
बीजेपी में आने से पहले नंदगोपाल नंदी बसपा में थए और मायावती सरकार में भी मंत्री थे।सरकारी रसूख क्या होता है ये आज की घटना ने साबित कर दिया जहां हम अपने वाहन से कागज़ात होने के बावजूद एक किलोमीटर भी बिना रोकटोक के नही चल सकते वही इलाहाबाद की मेयर साहिबा ने इतना लंबा सफर बड़ी आसानी से तय कर लिया जिससे ये बात तो साफ हो गई कि सरकारी नियम का मख़ौल उड़ाने का अधिकार सिर्फ और सिर्फ सरकारी तंत्र को ही है।

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