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Friday, December 13, 2024

इलाहाबाद HC की 150वीं सालगिरह पर PM ने कहा- SMS से मिले मुकदमे की तारीख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को इलाहाबाद पहुंचे. संगम नगरी में पीएम मोदी के साथ सीएम योगी भी मौजूद रहे. इलाहाबाद हाई कोर्ट की 150वीं सालगिरह के मौके पर दोनों एक साथ मंच पर मौजूद रहे. शपथग्रहण के बाद सीएम योगी पहली बार पीएम मोदी के साथ किसी सार्वजनिक मंच पर थे.

इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि सालभर चला ये समारोह समापन के साथ नई ऊर्जा, नई प्रेरणा, नए संकल्प और नए भारत के सपने को पूरा करने ताकत बन सकता है. भारत का जो न्याय विश्व है, उस न्याय विश्व में इलाहाबाद, 150 साल पुरानी कोर्ट, भारत के न्याय विश्व का ये तीर्थ क्षेत्र है. उस तीर्थ क्षेत्र में महत्व के पड़ाव को आप सबके बीच आकर के आपको सुनने और समझने का अवसर मिला, मैं इसे अपना गौरव मानता हूं. मोदी ने यहां से ज्यादा से ज्यादा तकनीक का उपयोग करने पर जोर दिया. पीएम ने कहा कि न्याय व्यवस्था में तकनीक का उपयोग हो. मोबाइल फोन पर, एसएमएस पर डेट लेने देने की परंपरा क्यों न शुरू करें. तकनीक से वकीलों का काम आसान हुआ है.

चीफ जस्टिस को जवाब
चीफ जस्टिस साहेब अभी दिल की बात बता रहे थे और मैं मन से सुन रहा था. मैं उनके हर शब्द में पीड़ा अनुभव कर रहा था, कुछ कर गुजरने के इरादे को अनुभव कर रहा था. भारत के न्याय क्षेत्र और मुझे विश्वास है कि उनके संकल्प पूरे होंगे. जहां तक सरकार का सवाल है जिस संकल्प को लेकर प्रेरित कर रहे हैं, हम उसे पूरा करने का भरपूर प्रयास करेंगे.

तीन साल में खत्म किए 1200 कानून
मोदी ने कहा कि मैं नए कानून कितने बनाऊंगा ये मुझे मालूम नहीं है लेकिन कहा था कि पीएम बन गया तो हर दिन एक कानून खत्म जरूर करूंगा. इस बोझ को कैसे कम किया जाएगा, चीफ जस्टिस भी इसी लेकर चिंतित हैं. हमको खुशी है कि 5 साल पूरे नहीं हुए हैं और अभी तक सरकार ने 1200 कानून खत्म कर चुके हैं.

2022 के लिए संकल्प लें
आजादी के 70 साल पूरे हो गए. 2022 में आजादी के 75 साल होंगे, इलाहाबाद से देश को प्रेरणा मिल सकती है क्या? जो ललक, जुनून आजादी के आंदोलन के वक्त दिखती थी क्या इन पांच सालों में ये जज्बा पैदा कर सकते हैं कि हिंदुस्तान को यहां ले जाएंगे. जो जहां है वहां, वहीं से 2022 के लिए रोड मैप, संकल्प तय कर सकता है.

PM ने 50 साल पहले डॉक्टर राधा कृष्णन के बयान को किया याद
50 साल पहले डॉक्टर राधा कृष्णन ने क्या कहा था- कानून एक ऐसी चीज है जो लगातार बदलती रहती है, कानून लोगों के स्वभाव के अनकूल होना चाहिए. पारंपरिक मूल्यों के अनकूल होना चाहिए. साथ ही कानून को आधुनिक चुनौतियों का भी ध्यान रखना चाहिए. कानून की समीक्षा के वक्त इन सब बातों पर ध्यान रखना चाहिए. किस तरह की जिंदगी हम गुजारना चाहते हैं. कानून का अंतिम लक्ष्य क्या है, सभी लोगों का कल्याण. सिर्फ अमीर लोगों का कल्याण नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक का कल्याण, यही कानून का लक्ष्य है, इसे पूरा किए जाने का प्रयास किया जाना चाहिए.

…जब मोदी ने लिया योगी का नाम
योगी ने इलाहाबाद कोर्ट के 150 साल समारोह में पहली बार यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का नाम पुकारा. दरअसल पीएम स्पीच दे रहे थे. उस दौरान वे न्याय व्यवस्था में तकनीकी को बढ़ावा देने की बात कर रहे थे. इसी पर उन्होंने कहा- क्यों न वीडिया कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई हो. जेल से कैदियों को कोर्ट में लाना, मार्ग में क्या-क्या होता है सब जानते हैं. योगी जी आएं हैं तो शायद वो बंद होगा. मोदी का इतना कहना था कि समारोह में बैठे सभी लोग हंसने लगे, तालियां बजाने लगे.

योगी बोले- कानून से बड़ा कोई नहीं
इस मौके पर योगी ने कहा कि कानून से बड़ा कोई नहीं होता है. इस समारोह में शामिल होना सौभाग्य की बात. कानून का स्थान शासकों से ऊपर होता है. कानून शासकों का शासक है. वादियों को निष्पक्ष न्याय देना सरकार का कर्तव्य. कानून से ही समाज चलता है. न्याय और विधि एक-दूसरे के पूरक हैं. न्याय व्यवस्था देश और समय के साथ बदलती रही है. इलाहाबाद हाई कोर्ट देश का सबसे बड़ा हाई कोर्ट है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं.

 

CJI ने कहा- मेरे दिल की बात सुनें
वहीं CJI खेहर ने जजों की कमी पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट और निचली अदालतों के जजों पर भारी बोझ है. जस्टिस खेहर ने कोर्ट में लंबित मामलों पर भी चिंता जताई. इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मन की बात करते हैं, देश सुनता है. अब मुझे मेरे दिल की बात करने दें. चीफ जस्टिस ने लंबे समय से लंबित पड़े मामलों से निपटने के लिए जजों को छुट्टी में भी मामले निपटाने के लिए कहा.

 

कानून मंत्री ने भी शिरकत की 

प्रधानमंत्री का विमान सुबह 10 बजे शहर से बाहर स्थित बमरौली हवाईअड्डे पर उतरा, जहां योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया. हवाई अड्डे पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक भी थे. इसके बाद पीएम उच्च न्यायालय परिसर के लिए रवाना हुए. समारोह में चीफ जस्टिस जेएस खेहर और कानून एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद हैं. साथ ही अलग-अलग हाई कोर्ट के जज भी समारोह में शिरकत कर रहे हैं.

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