पटना। अब से कुछ देर बाद जनता दल युनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी बिहार विधानसभा में बहुमत साबित करेगी। फिलहाल आंकड़े भी उनके पक्ष में जाते दिखाई दे रहे हैं लेकिन जदयू के एक नेता के इशारे पर नीतीश की नई सरकार गिर सकती है। बता दें कि बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 26-27 जुलाई देर रात दावा किया था कि उनके पास 132 विधायकों का समर्थन है जिसमें 71 जेडीयू, 53 बीजेपा, 2 रालोसपा, 2 लोजपा, 1 हम और तीन निर्दलीय विधायक शामिल हैं। लेकिन परस्थितियां कभी भी बदल सकती हैं।
कुछ मीडिया रिपोर्ट में इस आशय का दावा किया जा रहा है कि जेडीयू नेता शरद यादव का इस शक्ति परीक्षण में खास रोल है। अगर वो नीतीश के खिलाफ चले गए तो यह सरकार 24 घंटे से भी कम समय में गिर जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जदयू के 5 मुस्लिम विधायकों समेत 11 अन्य विधायक हैं जो राजद से हाथ मिला सकते हैं। जो विधायक शरद के करीबी हैं उन पर भी अभी उहापोह की स्थिति बनी हुई है।
बता दें कि 27 जुलाई को शरद ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से बात की थी। खुद राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि वो शरद से बात करेंगे। हालांकि इस मसले पर अभी तक शरद ने कोई बयान नहीं दिया है। आज सुबह ही उनके आवास के बाहर जब पत्रकारों ने उनसे बिहार पर सवाल किया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। अटकलें इस बात की लगाई जा रही हैं कि अगर शरद का साथ लालू को मिल गया तो कई जदयू विधायक राजद के पाले में जा सकते हैं।