नई दिल्ली- एजेंसी। 2017 विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की राजनीति में समाजवादी पार्टी में उपजे हालात ने हंगामा मचा दिया है. अनुशासनहीनता के आरोपों के बाद सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को पार्टी अध्यक्ष ने बाहर का रास्ता दिखाया तो रामगोपाल और अखिलेश के साथ ही तमाम राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आने लगी.
मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव ने कहा, ‘हम ही असली समाजवादी पार्टी हैं. नेताजी अभी भी हमारे नेता हैं. मेरे पिताजी के करीबी लोग अपने फायदे के लिए उन्हें दिग्भ्रमित कर रहे हैं. हम पिछले पांच सालों के दौरान किए गए अपने कार्यों के आधार पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. लोग हमारे किए गए कामों के लिए हमें वोट करेंगे. हमने अब तक किसी के साथ गठबंधन का फैसला नहीं किया है.’
उधर निष्कासित पार्टी महासचिव रामगोपाल यादवने कहा, ‘निष्कासन असंवैधानिक और गलत तथ्यों पर आधारित हैं.’
शरद यादव ने कहा, ‘समाजवादी पार्टी के हालात उनका अंदरूनी मामला है. पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की है. दुर्भाग्यपूर्ण.’
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘समाजवादी पार्टी अपने अंतर्कलह का निवारण खुद ही करेगी. कांग्रेस किसी भी पार्टी के भीतर विभाजन या उपजे विवाद पर बयान नहीं देना चाहती.’
कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में जो किया वही उत्तर प्रदेश में करने की कोशिश कर रही है. बीजेपी को राज्यपाल के कार्यालय का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए. सुरजेवाला ने कहा, ‘प्रदेश में एक पार्टी की सरकार बनाई गई थी जिसे तोड़ने की कोशिश की जा रही है.’
वहीं अंदरखाने से ये बातें सामने आ रही हैं कि कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर लगातार अखिलेश और रामगोपाल के संपर्क में हैं. अभी तक कांग्रेस अपनी रणनीति में कामयाब नजर आ रही है और अगर सपा के अलग होकर अखिलेश चुनाव लड़ते हैं तो कांग्रेस के साथ गठबंधन प्रबल संकेत हैं