28 C
Lucknow
Monday, January 13, 2025

इस शहर में भाजपा और सपा के बीच है कांटे की टक्कर



बरेली। उत्तर प्रदेश में होने वाले नगर निकाय के चुनाव को वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है। जिले की दो लोकसभा और नौ विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है, ऐसे में नगर निकाय चुनाव में बड़ी जीत दर्ज करने का भारतीय जनता पार्टी पर खासा दबाव रहेगा। भारतीय जनता पार्टी किसी भी हालत में इन चुनावों में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतना चाहेगी तो समाजवादी पार्टी अपनी सीटें बचाने के लिए पूरा जोर लगाएगी।

2012 निकाय चुनावों में सपा का था जलवा 

2012 में नगर निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी ने सिंबल पर तो चुनाव नहीं लड़ा था, लेकिन सपा समर्थित तमाम उम्मीदवारों ने बीते चुनावों में जीत हासिल की थी। मेयर सीट पर सपा समर्थित डॉ. आई एस तोमर ने जीत दर्ज की थी, तो करीब 26 पार्षद भी समाजवादी पार्टी के जीत कर नगर निगम पहुंचे थे। नगर पालिका की नवाबगंज सीट पर शहला ताहिर चुनाव जीती थीं, जबकि आंवला सीट से आईएमसी के टिकट पर चुनाव जीते आबिद भी कुछ समय बाद सपा में शामिल हो गए थे। 15 नगर पंचायतों में 11 पर सपा समर्थित उम्मीदवार चुनाव जीते थे।

लोकसभा और विधानसभा में सिर आंखों पर रही भाजपा

2014 में लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जिले की दोनों सीटों पर कब्जा जमाया था, इसके बाद वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में भी जनता ने भाजपा के प्रत्याशियों को सिर आंखों पर बैठाया। सभी नौ सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया। मौजूदा समय में केंद्र में संतोष गंगवार तो प्रदेश सरकार में राजेश अग्रवाल और धर्मपाल मंत्री भी हैं। निकाय चुनावों के बाद 2019 में लोकसभा चुनाव हैं, इसलिए इन चुनावों को जनता अहमियत देते हुए इन्हें लोकसभा चुनावों का सेमी फाइनल मान रही है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा एक बार फिर अपना पुराना प्रदर्शन दोहराना चाहेगी।


अभी घोषित नहीं हुए प्रत्याशी 

भले ही भाजपा नगर निकाय चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रही हो, लेकिन अभी तक भाजपा की तरफ से प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं की गई है। जिसको लेकर दावेदार असमंजस में पड़ गए हैं।

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें