उत्तराखंड में चले मोदी मैजिक में भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आ गई मगर यह यक्षप्रश्न अब भी कायम है कि मुख्यमंत्री का ताज किसके सिर पर सजेगा। आज पार्टी की संसदीय दल की बैठक में सूबे के मुख्यमंत्री का नाम घोषित हो सकता है। आज शाम होने वाली पार्टी की संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी समेत सभी सदस्य भाग लेंगे।
चार पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत लगभग एक दर्जन दावेदार इस होड़ का हिस्सा हैं लेकिन ये कयास भी जिंदा हैं कि क्या भाजपा केंद्रीय नेतृत्व किसी बिल्कुल नए और अप्रत्याशित चेहरे को उत्तराखंड में सरकार की कमान सौंप सकता है। अलबत्ता, इतना तय है कि मुख्यमंत्री वही बनेगा, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाएगा।
उत्तराखंड के अब तक के चार विधानसभा चुनाव में यह पहला मौका है जब किसी पार्टी को इस कदर एकतरफा जनादेश हासिल हुआ है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि भाजपा ने इस चुनाव में किसी को भी बतौर मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट नहीं किया। इसका सीधा फायदा भाजपा को मिला भी। पूरा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्रित हो गया। दूसरी तरफ, उत्तराखंड में कांग्रेस की पूरी चुनावी रणनीति मुख्यमंत्री हरीश रावत के इर्द-गिर्द ही सिमटी रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रभामंडल के आगे मुख्यमंत्री हरीश रावत कतई नहीं टिक पाए, जिसकी परिणति कांग्रेस की करारी हार के रूप में सामने आई।
चार पूर्व मुख्यमंत्री, लेकिन किसी ने नहीं लड़ा है विधानसभा चुनाव
अब भाजपा ऐतिहासिक बहुमत के साथ सत्ता में आ गई है तो सबकी नजरें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर जाकर टिक गई हैं। भाजपा के पास इस वक्त इस पद के लिए इतने चेहरे हैं कि इनमें से किसी एक को चुनना शायद पार्टी के लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं होगा। इस वक्त भाजपा के पास चार पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी, भगत सिंह कोश्यारी, डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक और विजय बहुगुणा हैं। हालांकि इनमें से किसी ने भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा मगर वरिष्ठता के नाते इनकी दावेदारी को खारिज नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री की दौड़ में ये चेहरे भी हैं शामिल
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की दोहरी जिम्मेदारी निभा रहे अजय भट्ट भी प्रबल दावेदार माने जा रहे थे मगर चुनाव में हार ने भट्ट को दौड़ से लगभग बाहर ही कर दिया। चुनाव में जीत दर्ज करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल महाराज, पूर्व मंत्री व झारखंड प्रभारी त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मंत्री प्रकाश पंत और मदन कौशिक को
मुख्यमंत्री पद के मजबूत दावेदारों में शुमार किया जा सकता है। हालांकि पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत व यशपाल आर्य भी कद्दावर नेता हैं मगर हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने के कारण इन्हें इस बार मौका मिलना कठिन है।
ये तो प्रदेश में सक्रिय भाजपा के बड़े नेता हैं मगर इनके अलावा भी कुछ चेहरे ऐसे माने जा रहे हैं, जिन्हें पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व उत्तराखंड की जिम्मेदारी सौंप सकता है। इनमें राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिवप्रकाश और राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी को शामिल किया जा सकता है। इतने ज्यादा दावेदारों के बावजूद यह तय है कि
भाजपा उत्तराखंड में उसी को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपेगी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की पसंद होगा।