उत्तर कोरिया यानि नॉर्थ कोरिया ने सोमवार को इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया। इस ताजा परीक्षण को अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने पूरी दुनिया के लिए खतरा बताया और कहा कि अभी तक उत्तर कोरिया ने जितने भी बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण किए हैं उनमें अभी वाला परीक्षण बहुत ही खतरनाक है क्योंकि यह किसी भी देश को अपना निशाना बना सकती है।
क्या होती है बैलिस्टिक मिसाइल ?
बैलिस्टिक मिसाइल वो मिसाइल होती हैं जिसके साथ दिशा बताने वाला यंत्र लगा दिया जाता है ताकि उसके जो हथियार उस मिसाइल के साथ भेजा जा रहा है वो सही दिशा में जाए।जब इस मिसाइल को इसके निर्धारित स्थान से छोड़ा जाता है तो यह पहले तो तेजी से ऊपर की ओर जाती है और फिर नीचे की तरफ आती हुई निर्धारित किए गए लक्ष्य को भेदती है।बैलिस्टिक मिसाइल की मारक क्षमता 5000 किलोमीटर से 10,000 किलोमीटर तक होती है।बैलिस्टिक मिसाइलें बहुत अधिक मात्रा में विस्फोटक सामग्री ले जा सकती हैं।बैलिस्टिक मिसाइल के चार भाग होते हैं – इंजन, फ्लाइट सिस्टम, वारहैड (warhead) और दिशा निर्देशक यंत्र।
सबसे पहला बैलिस्टिक मिसाइल का प्रयोग
दुनिया में सबसे पहला बैलिस्टिक मिसाइल का प्रयोग साल 1944 में किया गया था।इसके बाद दूसरा प्रयोग 28 अगस्त को लंदन के ऊपर किया गया था जिनमें 97 में से 90 V1 रॉकेट लंदन के ऊपर दागे गए। हालांकि इनमें से कई को ध्वस्त कर दिया गया था। सिर्फ 4 मिसाइलें लंदन को दागने में कामयाब रहीं।
उत्तर कोरिया के ताजा बैलिस्टिक मिसाइल से मची हलचल
उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल के ताजा परीक्षण से अमेरिका से लेकर जापान भी चिंतित हैं। इस परीक्षण का पता चलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में एक छोटी सी ब्रीफिंग की और नॉर्थ कोरिया के हालात पर नजर रखने को कहा।
ट्रम्प ने कहा, ‘हमारी नॉर्थ कोरिया पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा। इस मामले को लेकर हम बहुत गंभीर हैं लेकिन उसमें कोई चेंज नहीं है।’वहीं जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने उत्तर कोरिया के ताजा मिसाइल टेस्ट को एक हिंसक कार्रवाई बताया और कहा कि इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पूरी दुनिया पर उत्तर कोरिया की मिसाइलों को खतरा
उत्तर कोरिया के ताजा मिसाइल टेस्ट के बाद अंतर्राष्ट्रीय चिंताएं तो बढ़ी ही हैं, साथ ही इस बात को लेकर भी चिंता है कि उत्तर कोरिया जो बैलिस्टिक मिसाइलें तैयार कर रहे है, उसका खतरा दुनिया में हर जगह है। इसकी चिंता अमेरिका के रक्षामंत्री जेम्स मैरिट ने भी जताई है।