नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश विधानसभा के दूसरे चरण के लिए कल यानी 15 फरवरी को 11 जिलों की 67 सीटों पर सुबह सात बजे शुरू होकर शाम पांच बजे तक वोट डाले जाएंगे… दूसरे चरण में सहारनपुर, मुरादाबाद, बिजनौर, संभल, रामपुर, बरेली, अमरोहा, पीलीभीत, खीरी, शाहजहांपुर और बदायूं जिले के लोग वोट डालेंगे… दूसरे चरण में कुल 721 उम्मीदवार मैदान में हैं। जिनमें से सर्वाधिक 28 उम्मीदवार मुरादाबाद की कांठ विधानसभा सीट से किस्मत आजमा रहे हैं… इस चरण में कुल 2.28 करोड़ लोग जिनमें से 1.23 करोड़ पुरुष और 1.04 करोड महिलाएं हैं मतदान करेंगे… मतदान के लिये 23,696 केंद्र बनाए गए हैं… दूसरे चरण में जिन दिग्गज नेताओं की किस्मत दांव पर लगी है उनमें कैबिनेट मंत्री आजम खान, पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान, आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद और कांग्रेस के इमरान मसूद शामिल हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 67 सीटों पर 15 फरवरी को मतदान होगा।
67 सीटों के लिए 2.28 करोड़ मतदाता मतदान करेंगे। इसमें 1.23 करोड़ पुरूष और 1.04 करोड़ महिलाएं मतदाता हैं। 67 सीटों पर 721 उम्मीदवार मैदान में हैं जिसमें 82 महिला उम्मीदवार हैं। बसपा और बीजेपी ने 67 सीटों पर तो आलएलडी ने 53 सीटों पर उम्मीदवार उतारे है। पहली बार बने गठबंधन से कांग्रेस ने 18 और सपा ने 51 पर प्रत्याशी खड़े किए हैं। इस बार सबसे ज्यादा 28 उम्मीदवार मुरादाबाद की कांठ सीट से मैदान में हैं। दूसरे चरण में सबसे बड़ा मतदान क्षेत्र मुरादाबाद नगर विधानसभा है। दूसरे चरण में कुल मतदान केंद्र 23,696 हैं।
2012 विधानसभा चुनावों में किसको कितनी सीटें मिलीं थी…
पहले दो चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 26 जिलों में 140 विधानसभा सीटों पर चुनाव हैं। पहले चरण में 73 सीटों पर 11 फरवरी को मतदान हो चुका है।
दूसरे चरण में बची 67 सीटों पर 15 फरवरी को मतदान होगा। 2012 विधानसभा चुनाव में इस रिजन में सपा और बसपा का बोलबाला रहा। बीजेपी-21 सीटें, कांग्रेस-8 सीटें, सपा-58 सीटें, बसपा-42 सीटें, आरएलडी-9 और 2 अन्य को मिलीं। पहले चरण की सीटों पर बसपा, सपा को 24 तो बीजेपी को 11, कांग्रेस को 5 और आरएलडी को 9 सीटें मिली थीं । दूसरे चरण की सीटों पर सपा को 34, बसपा को 18, बीजेपी को 10, कांग्रेस को 3, 2 सीटें अन्य को गई।
दूसरे चरण की 67 सीटों का समीकरण… (बीजेपी-10, कांग्रेस-3, सपा-34, बसपा-18, अन्य-2 )
सहारनपुर (7 सीटें) (सपा-1, बसपा-4, बीजेपी-1, कांग्रेस-1)
बेहत (1)- बसपा
नाकुर (2)- बसपा
सहारनपुर नगर (3)- बीजेपी
सहारनपुर (4)- बसपा
देवबंद (5)- सपा
रामपुर मणिहरण (एससी) (6)- बसपा
गंगोह (7)- कांग्रेस
बिजनौर (8 सीटें) (सपा-2, बसपा-4, बीजेपी-2)
नजीबाबाद (17)- बसपा (मुस्लिम)
नगीना (एससी) (18)- सपा
बरहापुर (19)- बसपा (मुस्लिम)
धामपुर (20)- सपा (मुस्लिम)
नेहतौर (एससी) (21)- बसपा
बिजनौर (22)- बीजेपी
चांदपुर (23)- बसपा (मुस्लिम)
नूरपुर (24)- बीजेपी
मुरादाबाद (6 सीटें) (पीस-2, सपा-4, बीजेपी-1)
कंठ (25)- अन्य (मुस्लिम)
ठाकुरद्वारा (26)- बीजेपी
मुरादाबाद ग्रामीण (27)- सपा (मुस्लिम)
मुरादाबाद नगर (28)- सपा (मुस्लिम)
कुंडरकी (29)- सपा (मुस्लिम)
बिलारी (30)- सपा (मुस्लिम)
संभल (4 सीटें) (सपा-4)
चंदौसी (एससी) (31)- सपा
असमोली (32)- सपा
संभल (33)- सपा (मुस्लिम)
गुनौर (111)- सपा
रामपुर (5 सीटें) (सपा-2, कांग्रेस-2, बसपा-1)
सौर (34)- कांग्रेस (मुस्लिम)
चमरउवा (35)- बसपा (मुस्लिम)
बिलासपुर (36)- कांग्रेस
रामपुर (37)- सपा (मुस्लिम)
मिलाक (एससी) (38)- सपा
बरेली (9 सीटें) (सपा-3, बीजेपी-3, बसपा-2, अन्य-1)
बहेरी (118)- सपा (मुस्लिम)
मीरगंज (119)- बसपा (मुस्लिम)
भोजीपुरा (120)- अन्य (मुस्लिम)
नवाबगंज (121)- सपा
फरीदपुर (एससी) (122)- सपा
बथिरी चैनपुर (123)- बसपा
बरेली (124)- बीजेपी
बरेली कैंट (125)- बीजेपी
ओनला (126)- बीजेपी
अमरोहा (4 सीटें) (सपा-4)
धनौरा (एससी) (39)- सपा
नौगावन सदत (40)- सपा (मुस्लिम)
अमरोहा (41)- सपा (मुस्लिम)
हसनपुर (42)- सपा (मुस्लिम)
पीलीभीत (4 सीटें) (सपा-3, बीजेपी-1)
पीलीभीत (127)- सपा (मुस्लिम)
बरखेरा (128)- सपा
पुरनपुर (एससी) (129)- सपा
बिसालपुर (130)- बीजेपी
खेरी (8 सीटें) (सपा-4, बसपा-3, बीजेपी-1)
पलिया (137)- बसपा
निघासन (138)- बीजेपी
गोला गोकरानाथ (139)- सपा
श्रीनगर (एससी) (140)- सपा
धौरहरा (141)- बसपा
लखीमपुर (142)- सपा
कस्ता (एससी) (143)- सपा
मोहम्मदी (144)- बसपा
शाहजहांपुर (6 सीटें) (सपा-3, बसपा-2, बीजेपी-1)
कटरा (131)- सपा
जलालाबाद (132)- बसपा
तिलहर (133)- बसपा
पोवायम (एससी) (134)- सपा
शाहजहांपुर (135)- बीजेपी
ददरौल (136)- सपा
बदायूं (6 सीटें) (सपा-4, बसपा-2)
बिसौली (एससी) (112)- सपा
साहसवन (113)- सपा
बिलसी (114)- बसपा (मुस्लिम)
बदायूं (115)- सपा (मुस्लिम)
शेखुपुर (116)- सपा
दातागंज (117)- बसपा
दूसरे चरण में मुस्लिम वोटरों का मिजाज होगा अहम
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिंदू आबादी 72.6 फीसदी और मुसलमान 26 फीसदी हैं। दूसरे चरण में मुस्लिम मतदाता सबसे अहम हैं, इसमें 36 फीसदी मुस्लिम हैं। सपा के साथ बीएसपी भी इन्हें अपने पाले में करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। वहीं इमरान मसूद के भरोसे एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर कांग्रेस की जोर आजमाइश है। दूसरे चरण में बरेलवी मुस्लिम मतदाताओं की बड़ी भूमिका अहम रहेगी।11 जिलों में से सहारनपुर में देवबंदियों की तादात ज्यादा है।
जबकि बाकी 10 जिलों में बरेलवी मुसलमान काफी तादाद में हैं।
इस इलाके में मुसलमानों में करीब 80 फीसदी बरेलवी मुसलमान हैं।
सहारनपुर- 42 फीसदी मुस्लिम वोटर
बिजनौर- 43 फीसदी मुस्लिम वोटर
मुरादाबाद- 47 फीसदी मुस्लिम वोटर
अमरोहा- 41 फीसदी मुस्लिम वोटर
रामपुर- 50 फीसदी मुस्लिम वोटर
बरेली- करीब 35 फीसदी
मुसलमान किस तरफ…
उत्तर प्रदेश की 143 सीटों पर मुस्लिम मतदाता अपना असर रखते हैं। इनमें से 70 सीटों पर मुस्लिम आबादी 20 से 30 फीसद के बीच है। 2012 चुनाव में इसमें से सपा को 37 और बसपा को 13 सीटें मिली थी। 73 सीटें ऐसी हैं जहां मुसलमान 30 फीसद से ज्यादा है। 2012 चुनाव में इसमें से 35 पर सपा, 13 पर बसपा और 6 पर कांग्रेस जीती। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 54 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 15 से 30 फीसदी है। पूरे यूपी में 50 तो पश्चिम यूपी में 20 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर निर्णायक हैं। मुजफ्फरनगर में 38 फीसदी मुस्लिम हैं तो मेरठ में 32, बागपत में 24, गाजियाबाद में 23 अलीगढ़ में 17 फीसदी है। 2012 चुनावों में 64 मुस्लिम उम्मीदवार विधानसभा पहुंचे जिसमें से सबसे ज्यादा पश्चिमी यूपी से थे। 2012 के चुनाव में 140 सीटों में से 35 सीटों से मुसलमान जीते थे। इस बार अससुद्दीन ओवैसी भी ‘ओवैसी फैक्टर’ पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। ओवैसी ने एआईएमआईएम की पहली सूची में 11 नाम जारी किए जिसमें से पहले चरण में 4 उम्मीदवार हैं।
इस बार जाटों में गुस्सा…
2014 लोकसभा चुनाव में जाटों ने बीजेपी को झोली भरकर वोट दिए थे। आज वो जाट आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार से नाराज चल रहा हैं। जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक के मुताबिक मुद्दा जाट आरक्षण है। पीएम ने मार्च 2015 में वादा किया कि 5-6 महीने में करा दूंगा लेकिन मिली गोलियां। इससे जाटों का गुस्सा भड़क गया, हरियाणा के साथ यूपी का जाट भी गुस्से में है। बीजेपी को इस गुस्से का अंदाजा है, यही कारण है बड़ी संख्या में जाटों को उम्मीदवार बनाया है। दूसरी तरफ चौधरी अजित सिंह के आरएलडी की राजनीति जाटों के इर्द-गिर्द घुमती है। जाट वोट आरएलडी का परंपरागत वोट माना जाता है 2012 में 9 सीटें मिली थी। लेकिन 2014 में पश्चिमी यूपी में ध्रुविकरण के चलते ये वोट खिसक गया था।
चौधरी अजित सिंह के पास इस बार मौका है जाट वोटों को अपनी ओर करने का।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुख्य मुद्दे…
* पश्चिमी यूपी के चुनाव में मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने का भी खेल चल रहा है। कैराना से पलायन का मुद्दा उठाकर हुकुम सिंह भी मुजफ्फरनगर माड्यूल को ही धार देते रहे हैं। पश्चिमी यूपी में मुजफ्फरनगर में 2013 में हुए साम्प्रदायिक दंगों ने राजनीति ही बदल दी।जिसके बाद आसपास के क्षेत्रा में आज भी छोटी मोटी साम्प्रदायिक घटनाएं होती रहती हैं। इसके अलावा विकास का मुद्दे बिजली पानी सड़क की समस्याओं को लेकर मामला उठाता रहा है। पश्चिमी यूपी में कानून व्यवस्था भी एक बडा मुद्दा है, दलितों के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़े। गन्ना बेल्ट वाले इस क्षेत्र में किसानों के बकाए भुगतान की भी समस्या बहुत बड़ा है। चीनी मिलों में पेराई का काम न हो पाने के कारण आए दिन गन्ना किसान परेशान हैं।
दूसरे चरण के दिग्गज उम्मीदवार…
रामपुर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खां चुनाव मैदान में हैं। स्वार-टांडा विस सीट आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम मैदान में हैं। स्वार-टांडा से ही बसपा से वर्तमान विधायक नवेद मियां फिर चुनाव मैदान में हैं।अमरोहा जिले के नौगावां सादात सीट से पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। तिलहर विधानसभा सीट से जितिन प्रसाद कांग्रेस-सपा गठबंधन के उम्मीदवार हैं। जितिन प्रसाद दो बार सांसद रहे हैं और वो जितेंद्र प्रसाद के बेटे हैं। पीएम मोदी पर टिप्पणी कर चर्चाओं में आए कांग्रेस नेता इमरान मसूद नकुड़ सीट मैदान में हैं।
बरेली जिले के नवाबगंज सीट से भगवत सरन गंगवार चुनाव लड़ रहे हैं, जो 5बार विधायक रहे हैं। बरेली कैंट सीट से बीजेपी से राजेश अग्रवाल चुनावी मैदान में हैं, 5 बार विधायक रहे हैं। बिजनौर जिले के धामपुर विधानसभा सीट पर मंत्री मूलचंद चौहान मैदान में हैं। भाजपा प्रत्याशी अशोक राणा व बसपा प्रत्याशी विधायक मोहम्मद गाजी से उन्हें बड़ी चुनौती मिल रही है। बढ़ापुर से बीजेपी ने सुशांत सिंह को मैदान में उतारा है, जो मुरादाबाद से बीजेपी सांसद सर्वेश के पुत्र हैं। बरेली जिले के आंवला विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रह चुके धर्मपाल सिंह को बीजेपी ने मैदान में उतारा हैं। शाहजहांपुर शहर सीट से सात बार से लगातार विधायक सुरेश खन्ना बीजेपी से एक बार फिर भाग्य आजमा रहे हैं। अमरोहा विधानसभा सीट से महबूब अली मैदान में हैं, तीन बार विधायक रह चुके हैं। संभल विधानसभा सीट से इकबाल महमूद को सपा-कांग्रेस गठबंधन ने उम्मीदवार बनाया है।
दूसरे चरण में कितने करोड़पति और अपराधी मैदान में…
दूसरे चरण में 256 उम्मीदवार करोड़पति हैं जबकि 107 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की एक रिपोर्ट से हुआ हे बड़ा खुलासा। दूसरे चरण में एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 721 उम्मीदवारों में 256 करोड़पति हैं।बीएसपी के 58, बीजेपी के 50, एसपी के 45, कांग्रेस के 13 और आरएलडी के 15 करोड़पति हैं। 206 निर्दलीय उम्मीदवारों में 36 ने एक करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति घोषित की है। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 721 में से 107 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। 84 उम्मीदवारों ने हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण जैसे संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाजपा के 67 में 16, बसपा के 67 में 25, रालोद के 52 में छह, सपा के 51 में 21, कांग्रेस के 18 में छह उम्मीदवारों और 206 निर्दलीय उम्मीदवारों में 13 ने आपराधिक मामले घोषित किये हैं।