नानपारा, बहराइच। (सरफराज अहमद)
तहसील क्षेत्र के विकास खण्ड षिवपुर के ग्राम पंचायत वितनिया में पारित प्रस्ताव की पुष्टि के संबंध में स्थलीय जांच की गई जिसमें उपजिलाधिकारी नानपारा षिव प्रसाद शुक्ला, कोतवाल आलोक राव, आपूर्ति निरीक्षक हरीष कुमार साहनी व लिपिक सलीम ने निष्पक्ष जांच की कार्यवाही की। पूर्व सूचना के आधार पर उचित दर विक्रेता की नियुक्ति हेतु पूर्व संषोधित सार्वजनिक सूचना पर प्राथमिक विद्यालय बरूहा वितनिया में स्थलीय जांच के दौरान अमर सिंह और अषोक वर्मा के पक्ष में काफी संख्या में ग्रामीण अलग अलग इकट्ठा हुए। गिनती के दौरान अमर सिंह के पक्ष में 298 महिला व 421 पुरूष थे जबकि अषोक वर्मा के पक्ष में 312 महिला व 501 पुरूष थे। इस प्रकार जांच में अमर सिंह के पक्ष में कुल 719 लोग और अषोक वर्मा के पक्ष में 813 लोग थे। दोनों पक्षों के प्रस्ताव और बयानों पर मुनेसर, सहजराम, राजितराम, ढोढ़े, किषोरी, रामप्रसाद, लखाना, जगराना, सरिता, वन्दना, लज्जावती, आषाराम, मालिकराम, सतीष, हमीदुल्ला, सुनील और आषीष आदि ने अपने हस्ताक्षर भी किए। इसके बावजूद तमाम ग्रामीणों ने जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि चूंकि दूसरा पक्ष मौजूदा ग्रामप्रधान पंकज वर्मा का आदमी था इसलिए राजनीतिक दबाव में आकर अधिकारियां ने अमर सिंह के बजाय दूसरे पक्ष में फैसला सुना दिया।
उम्मीदवार अमर सिंह ने भी इसी सोंच के चलते बयान पर अपना हस्ताक्षर नहीं किया और दोबारा जांच कराने को कहा। ग्रामवासी राजेन्द्र का कहना है कि जांच के दौरान अषोक वर्मा के पक्ष में आस पास के गांव के फर्जी लोग भी आ गए थे जिनकी गिनती कर ली गई जो कि सरासर गलत है। पूर्व प्रधान नरेन्द्र वर्मा ने कहा कि दूसरे पक्ष के लोगों के पास आधार कार्ड या परिचय पत्र नहीं था जिससे साबित होता है कि वे फर्जी थे। इन तमाम अटकलों के चलते ग्रामीण पुनः जांच कराकर कोटा अमर सिंह के पक्ष में आबंटित किए जाने की मांग कर रहे हैं।