लखनऊ, 4 जनवरी (एजेंसी )। उत्तर प्रदेश में एक तरफ जहां सभी राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर राज्य की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में मची कलह खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। मंगलवार को कई बैठकें और मुलाकातों के बाद भी पिता-बेटे के बीच कोई सुलह नहीं हो पाई। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खान बुधवार को एक बार फिर अंतिम बार अखिलेश-मुलायम के बीच सुलह कराने का प्रयास करेंगे।
आजम खान ने कहा था कि इस विवाद को खत्म करने के लिए जो भी करना पड़ेगा करेंगे, जिसके हाथ जोड़ने पड़ेंगे जोड़ लेंगे। जल्द ये तकरार खत्म हो जाएगी। आजम खान वैसे तो किसी के आगे जल्दी झुकते नहीं हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी में जारी तकरार को खत्म करने के लिए वह कुछ भी करने को तैयार हैं।
पार्टी में जारी घमासान को सुलझाने के लिए आजम खान ने मुलायम सिंह से मुलाकात की है और आज फिर से मुलाकातों का दौर चलने वाला है। मुलायम से मिलने आजम कल दिल्ली गए थे, लेकिन मुलायम तब तक लखनऊ पहुंच गए।
आजम खान हालांकि बुधवार को लखनऊ पहुंच गए हैं और मुख्यमंत्री को लेकर उनके पिता मुलायम सिंह यादव के पास जाएंगे।
आजम ने कहा, “सुलह की एक और कोशिश करूंगा। हालांकि मुझे अपनी हद के बारे में पता है। मैं उतनी ही चादर फैलाने का प्रयास करूंगा जितना मेरे पास है। एक सीमा तक ही मैं इस मामले में दखल दे सकता हूं उसके बाद नहीं।”
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को अखिलेश व मुलायम सिंह यादव के बीच करीब तीन घंटे तक बातचीत हुई थी। लेकिन अखिलेश अब भी अपनी शतरें पर कायम हैं, जिसके चलते कल सुलह की कोशिश के बाद भी रास्ता नहीं निकल पाया है।
सपा सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव ने जो शर्तें रखी हैं उसके अनुसार, सपा के राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह को पार्टी से बाहर करना, शिवपाल यादव को राष्ट्रीय स्तर पर भेजना और स्वयं मुख्यमंत्री को उत्तर प्रदेश में विधानसभा टिकट के बंटवारे का अधिकार देना शामिल है। लेकिन मुलायम सिंह यादव अमर सिंह को पार्टी से बाहर निकालने के लिए राजी नहीं हैं। उन्होंने भी अखिलेश से राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटने और रामगोपाल को पार्टी से बाहर रखने की बात कही है, लेकिन अखिलेश इस पर तैयार नहीं हैं।