नई दिल्ली। प्राचीन स्मारकों के संरक्षण के लिए समर्पित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के पास ताजमहल के आसपास निर्माण प्रतिबंधित क्षेत्र का कोई रिकार्ड नहीं है। यह कड़वा सच केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) के सामने एक सुनवाई के दौरान सामने आया।
एक आरटीआइ अर्जी में मुगल बादशाह शाहजहां द्वारा अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाए मकबरे के चारों ओर 500 मीटर के दायरे में निर्माण प्रतिबंधित क्षेत्र के निर्धारण संबंधी जानकारी मांगी गई थी। एएसआइ के केंद्रीय सूचना अधिकारी ने कहा कि इससे संबंधित रिकार्ड उपलब्ध नहीं है।
इस बात से नाराज सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्यलु ने कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि दुनिया के सात आश्चर्य में शामिल ताज महल जैसे राष्ट्रीय महत्व के धरोहर के चारों तरफ के क्षेत्र का संरक्षण करना सरकार का कर्तव्य है। ताज महल को 1983 में विश्व विरासत घोषित किया जा चुका है। इस नायाब मकबरे को देखने के लिए हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटक आते हैं।
आचार्यलु ने कहा कि आरटीआइ अधिनियम में एएसआइ और स्थानीय सरकार के लिए लोगों को निर्धारित इलाके के बारे में सूचना देना अनिवार्य है। इसमें घर भी शामिल हैं। ताज महल के चारों तरफ जहां नियम के तहत प्रतिबंध लागू है वहां सड़क और अन्य पर काम कराने के लिए अनुमति की प्रक्रिया की जानकारी देना जरूरी है। उन्होंने सवाल किया जब एएसआइ को जानकारी ही नहीं है तो वह निर्माण प्रतिबंध के उल्लंघन से स्मारक को कैसे बचा सकेगा?