दीपक ठाकुर:-NOI।
2014 में जब लोक सभा के चुनाव हुए तो नरेंद्र मोदी के नाम पर भाजपा ने जनता से वोट मांगा ,जनता ने मोदी के सबका साथ सबका विकास वाले नारे पर विश्वास जताते हुए भाजपा को बहुमत देकर देश चलाने का न्योता दिया।उसके बाद अपने पूरे 5 वर्ष के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश हित को सर्वोपरी मान कर पूरी लगन और निष्ठा के साथ काम भी किया देश की जनता ने नोट बन्दी का दौर देखा और जीएसटी भी झेली वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उसको लगा कि मोदी कह रहे हैं तो ज़रूर इसमे उनका ही भला होगा।
नोट बन्दी और जीएसटी को पूरे विपक्ष ने अपना चुनावी हथियार तो बनाया ही साथ ही सरकार की आलोचना भी इसी मुद्दे को लेकर करते रहे लेकिन जनता ने मोदी का साथ नही छोड़ा।कांग्रेस ने चुनावी सत्र के दौरान कहा चोकीदार चोर है पर जनता कहने लगी में भी चोकीदार यहां फिर एक बार कांग्रेस पार्टी को मुह की खानी पड़ी।वही दूसरी तरह 19वी लोक सभा के चुनाव से पहले सभी विपक्षी एक हो गए सबका एक ही मक़सद था मोदी को हटाना है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी उनके मंसूबो में ब्रेकर का काम करते नज़र आ रहे थे।
यही वजह रही कि यूपी में दो पुराने दुश्मन एक हो गए वो भी सिर्फ इसलिए के यूपी से भाजपा को साफ किया जाए लेकिन यहां भी उनका साथ परास्त हो गया अब दोनों दल सपा और बसपा ये सोच रहे होंगे कि आखिर गलती हुई तो कहां हुई।लेकिन मोदी के विजय रथ को कोई नही डिगा पाया मोदी की नीतियों से जनता प्रभावित दिखी सबका साथ सबका विकास हुआ तभी इस बार भी अकेला मोदी समूचे विपक्ष पर ना सिर्फ भारी पड़ा बल्कि उन्हें औंधे मुंह गिरा दिया और बता दिया कि जातिगत राजनीती का समय अब नही रहा यहां बात समूचे हिन्दोस्तान की ही होगी और जो सबका साथ सबका विकास करेगा वही देश मे राज करेगा।