28 C
Lucknow
Wednesday, January 15, 2025

एक और जवान का वीडियो, अफसरों पर गुलामों जैसे बर्ताव का आरोप

सैनिक रॉय मैथ्यू की मौत की गुत्थी अभी सुलझी भी नहीं कि एक और जवान का शिकायती वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस बार विरोध की आवाज उठाने जवान का नाम सिंधव जोगीदास है.

खराब खाने की शिकायत
बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव की तर्ज पर जोगीदास ने भी वीडियो में खराब क्वालिटी के खाने की शिकायत की है. उसके मुताबिक, ‘बहुत सारी यूनिटों में खाना दिया जाता है तो सिर्फ जिंदा रखने के लिए. सबसे सस्ती सब्जी, सबसे सस्ता फ्रूट, सबसे घटिया खाना दिया जाता है.’

‘अफसर समझते हैं गुलाम’
सिंधव जोगीदास के आरोप यहीं खत्म नहीं होते. उन्होंने वीडियो में दावा किया है कि ‘सेना के कुछ अफसरों ने जवानों को गुलाम समझ रखा है. जवानों को सबकुछ मजबूरी में करना पड़ता है. जो मुंह खोलता है वो मारा जाता है.’ जोगीदास की मानें तो उन्होंने छुट्टी खत्म होने के 2 दिन बाद ड्यूटी ज्वाइन करने पर सहायक का काम करने की सजा दी गई. जब उन्होंने सजा को स्वीकार करने से इनकार किया तो उन्हें 7 दिन सेना की हिरासत में भेज दिया गया.

अनसुनी गई फरियाद
जोगीदास का दावा है कि वो पीएमओ, रक्षा मंत्री और सेनाध्यक्ष बिपिन रावत तक भी अपनी बात पहुंचा चुके हैं लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. प्रधानमंत्री दफ्तर को खत लिखने के बदले उनके खिलाफ जांच बिठा दी गई.

सेना की सफाई
दूसरी तरफ, सेना के सूत्रों की मानें तो सिंधव जोगीदास को पिछले साल अनुशासनहीनता के लिए कोर्ट मार्शल का सामना करना पड़ा था. उनके मुताबिक जोगीदास कई बार अफसरों की नाफरमानी कर चुका है और ये वीडियो महज सेना की किरकिरी के मकसद से पोस्ट किया गया है. सेना के अधिकारियों का कहना है कि जोगीदास का सहायक व्यवस्था से उसका कोई लेनादेना नहीं है. हालांकि बतौर सिपाही हाउसकीपर साफ-सफाई उसकी ड्यूटी का हिस्सा है.

जोगीदास का विवादित इतिहास
साल 2015 में जोगीदास को छुट्टी से ज्यादा वक्त घर में बिताने पर सजा मिली थी. इसके बाद उसने नौकरी छोड़ने की ख्वाहिश जाहिर की थी. लेकिन काउंसलिंग के बाद उसने अपना इरादा छोड़ दिया. इसके बाद उसे रानीखेत ट्रांसफर कर दिया गया. यहां भी उसने ड्यूटी करने से इनकार किया तो उसे 7 दिनों तक आर्मी की जेल में रखा गया. सेना के सूत्र ये भी कह रहे हैं कि पीएमओ को खत लिखने के बाद जोगीदास के आरोपों की जांच की गई थी. लेकिन उसके आरोपों में सच्चाई नहीं पाई गई. 28 फरवरी से उसका तबादला लेह में कर दिया गया था. मगर उसने ड्यूटी ज्वाइन नहीं की है.

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें