लखनऊ।बीजेपी, बीएसपी और समाजवादी पार्टी के ऑफिसों में गुरुवार को भरोसा और घबराहट, दोनों तरह का माहौल दिखा। नेता इस बात का जायजा ले रहे थे कि उनकी पार्टियों का परफॉर्मेंस कैसा रहा। देर शाम तक एग्जिट पोल के आंकड़े भी आने शुरू हो गए थे। हालांकि एग्जिट पोल्स यूपी में बीजेपी की लीड दिखा रहे हैं लेकिन सभी पार्टियों को भरोसा है कि उनकी ही जीत होने वाली है।
इकनॉमिक टाइम्स ने इस सिलसिले में बीजेपी कैंप से बात की, जो पूर्ण बहुमत हासिल करने के लेकर आश्वस्त नजर आया। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने रिसर्च ऐनालिस्ट्स और डेटा इकट्ठा करने वालों की टीम तैयार की है। इस टीम के आकलन के मुताबिक, पार्टी का परफॉर्मेंस काफी अच्छा रहने वाला है और वह 403 सीटों वाली यूपी एसेंबली में 202 के बहुमत के आंकड़े तक पहुंच जाएगी। टीम के मुताबिक, ‘पार्टी को किसी भी हाल में 190 से कम सीटें नहीं मिलेंगी और यह मुमकिन है कि सीटों की संख्या और बढ़ जाए। इसका मतलब पार्टी को 240 से भी ज्यादा मिल सकती हैं।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले हफ्ते खुद तीन दिनों तक वाराणसी में डेरा डाले रहे। बीजेपी को उम्मीद है कि इस क्षेत्र में प्रधानमंत्री की मौजूदगी ने वोटरों को पार्टी के समर्थन में वोट डालने के लिए प्रोत्साहित किया। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि राज्य में 206 सीटें ऐसी हैं, जहां पार्टी के जीतने की संभावना प्रबल है। बीजेपी नेताओं का यह भी कहना था कि आजम खान का बयान भी समाजवादी पार्टी की घबराहट का संकेत है। खान ने कहा कि समाजवादी पार्टी की हार के लिए अखिलेश यादव को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।
ईटी से बातचीत में समाजवादी पार्टी के नेताओं का भी कहना था कि पार्टी को कम से कम 180 सीटें जीतने का भरोसा है। समाजवादी पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘यह न्यूनतम आंकड़ा है। हम 230 तक भी जा सकते हैं। उम्मीद है कि अखिलेश यादव की तरफ से किए गए कामों के लिए कम से कम 2-3 फीसदी अतिरिक्त वोट मिलेंगे। यह मुस्लिम-यादव गठबंधन के अनुमानित 30 फीसदी वोट के अलावा होगा।’
अखिलेश यादव के पास हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स की टीम है, जो उनके चुनाव पर काम कर रही है। इस टीम की मदद चुनाव विश्लेषक और डेटा सेंटर प्रफेशनल्स कर रहे हैं, जो हर घंटे डेटा इकट्ठा करते हैं। समाजवादी पार्टी के नेताओं का यह भी कहना था कि वे कांग्रेस की तरफ से लड़ी गई 107 सीटों में से सिर्फ 30 सीटों पर जीत को लेकर आश्वस्त हैं। पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘सीटों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन इससे हमें गठबंधन के लिए मुस्लिम वोटों की गोलबंदी में मदद मिली है।’ इस बीच, यूपी के सीएम और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि अगर उन्हें कम सीटें आती हैं, तो वह बीएसपी के साथ गठबंधन के लिए तैयार हैं।
उधर, बीएसपी ने अखिलेश के इस प्रस्ताव पर कहा कि पार्टी पहले चुनाव नतीजों का वेट करेगी। बीएसपी ने साफ कर दिया है कि फिलहाल किसी के साथ गठबंधन का विचार नहीं है। बीएसपी की तरफ से यह भी दावा किया जा रहा है कि 11 मार्च को उनकी पार्टी यूपी में सबका सफाया कर देगी। बीएसपी ने एग्जिट पोल्स के नतीजों को खारिज करते हुए कहा है कि अक्सर ऐसे पोल्स में बीएसपी की हार दिखाई जाती है।